कांग्रेस के राज में पीएससी में अपात्रों के चयन में भाजपाई नेता हुए उग्र सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजावाद के आरोप

छुरा/फिंगेश्वर/राजिम (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ में विगत दिनों पी एस सी परीक्षा 2021 के परिणाम घोषित होने के बाद युवाओं द्वारा पीएससी भर्ती में भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजावाद के आरोपों से पुरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। और इस घोटाले के तार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष परीक्षा नियंत्रक सहित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं। उक्त आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पूर्व सांसद एवं भाजपा पिछड़ा वर्ग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंदूलाल साहू ने लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम को प्रदेश के मेधावी युवाओं की मेहनत और भविष्य से खिलवाड़ करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि पीएससी जैसी सैवैधानिक संस्था में राजनीतिक, दखलंदाजी नौकरशाहों के हस्तक्षेप और रसूखदारो के दबाव में परीक्षा परिणाम घोषित कर अपात्र अभ्यर्थियों के चयन के लोक सेवा आयोग एवं चयनित पद की गरिमा धूमिल हुई है।

पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय ने बताया कि इस परीक्षा परिणाम के टॉपर्स की लिस्ट का अवलोकन करने पर प्रथम दृश्य इसमें नौकरशाहों और राजनेताओं एवं रसूखदारो के भाई भतीजे और भांजे भांजीयों का दबदबा दिखाई देता है। जिस भर्ती परीक्षा का मामला न्यायालयीन पचड़े में पढ़कर अटकने की प्रबल संभावना प्रतीत हो रही है।

भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश साहू ने कहा कि पीएससी भर्ती परीक्षा 2021 में चयन प्रक्रिया को लेकर कई तरह के आरोप गंभीर आरोप लगते रहे हैं। देश के इतिहास में प्रथम बार किसी प्रतियोगी परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षा का पादर्श उत्तर माला (मॉडल आंसर की) जारी किया गया है जबकि कायदे से इसे परीक्षा के तत्काल बाद एवं परीक्षा परिणाम आने से पहले जारी किया जाता है। पीएससी के अध्यक्ष सिंडीकेट बनाकर घोटाला करने और अपने बेटे भाई भतीजे और भांजी के नाम के सरनेम को छुपा कर रिलेक्शन करने के आरोप भी बेहद सनसनीखेज है। जिसकी सत्यता की जांच आवश्यक है।

पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामकुमार साहू ने कहा कि कई परीक्षार्थियों ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाया है कि प्रश्नों के उत्तर में संशोधन किया गया है। जिसका आंसर शीट जारी ही नहीं किया गया है। परीक्षा परिणामों में बड़े अधिकारियों एवं राजनेताओं के रिश्तेदारों को पात्र अभ्यर्थियों के रूप में चयनित किया गया है। जिनका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड देखने पर इनमें से अधिकांश सफल अभ्यर्थियों की औरत और उससे भी निम्न स्तर का पूर्व प्रदर्शन रहा है। जो कि जांच का विषय है।

भाजपा के सेवा निर्मित थाना प्रभारी सदस्य बोधनलाल साहू ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस पीएससी घोटाले में एक तरफ राज्य के लाखों मेघावी छात्र एवं युवा अपने मेहनत के फल से वंचित रह गए हैं। और अपनी साधारण परिस्थितियों के बावजूद मेहनत के दम पर पीएससी सफलता प्राप्त करके प्रशासनिक क्षेत्र में करियर बनाने के सपने जो उन्होंने देखे थे। वो सभी बेहद निराश हतोत्साहित एवं प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। दूसरी तरफ आयोग भ्रष्ट और पैसे का लेनदेन करके लोक सेवा में पद पाने वाले चयनित प्रतिभागियों एवं अधिकारियों से आप किसी प्रकार की न्याय सुशासन एवं प्रदेश के सुखमय भविष्य की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।

जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने आरोप लगाया कि लोक सेवा आयोग के इस घोटाले को लेकर भूपेश सरकार के विरुद्ध प्रदेश के होनहार एवं वंचित युवाओं में जबरदस्त रोष एवं आक्रोश का माहौल बना हुआ है। और उनके द्वारा शासन से बार-बार न्याय की मांग की जा रही है। किंतु शासन प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जो कि उनके संदेशों को और पुख्ता कर रहा है।

भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष मनीष हरित ने बताया कि इस मामले की शिकायत राजभवन तक पहुंच चुकी है। जिसमें परीक्षा के रिजल्ट को रद्द करने की मांग जांच के लिए उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक करने की मांग के साथ पीएससी के अधिकारियों के नारकोटिक्स की मांग भी शामिल है। किंतु इतने बवाल के मध्य भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रकरण के दाल में काला तक नजर ही नहीं आ रहा है। जबकि वास्तविक में यहां पूरी दाल ही काली है।

महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष पदमा यदु ने कहा कि मुख्यमंत्री इस घोटाले को सिरे से खारिज करते हुए इसकी जांच के बचने के लिए बचकाना तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं। की तथ्यात्मक जानकारी युवा आठवां विपक्षी प्रमाणित करें जबकि आरोपों की जांच पूरी की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग सत्तासीन कांग्रेस शासन एवं स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की है।

जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने कहा कि जनता के बीच प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पलायनवादी एवं ढुलमुल रवैया के कारण पीएससी भर्ती घोटाले की केंद्रीय जांच एजेंसी के माध्यम से निष्पक्ष जॉच की मांग और अधिक बलवती होती जा रही है

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