
वर्षो से अधूरी पड़ी निर्माण के वजह से किसानों को लाभ से वंचित होना पड़ रहा है
मैनपुर(गंगा प्रकाश)। विकास खंड मैनपुर से तीन किलोमीटर दूर ग्राम (मैनपुरकला) फुलझर के पास निर्माणाधीन सलफ जलाशय को अपने पूरे होने का सालों से इंतजार है। शासन प्रशासन अगर इस ओर ध्यान देती तो आज किसानों को पानी की सुविधा मिल पाती और समय पर किसानी कार्य करने में सुविधा मिल पाती मगर वर्षों से सलब जलाशय योजना का किसान पानी से वंचित हैं इस बांध के पूरे होने पर मैनपुर, मैनपुरकला, भाठीगढ, हरदीभाटा, गोपालपुर, गौरघाट, देहारगुड़ा, नहानबिरी सहित अन्य दर्जनभर ग्राम के किसानों की हजारों एकड़ जमीन को सिंचाई सुविधा मिल जाएगी।सलफ जलाशय परियोजना मैनपुर अंचल के किसानों के लिए जीवनदायिनी योजना समझी जा सकती है। यह सिंचाई परियोजना अविभाजित मध्यप्रदेश शासन काल सन 1980 के दशक में दो पाहड़ी को जोड़कर फुलझर नाले को क्लोजिंग कर बांध तैयार करने की योजना थी। लेकिन यह बांध पूरा नहीं किया जा सका। जब जब क्षेत्र के प्रवास पर मुख्यमंत्री, मंत्री और प्रदेश के आला अफसर पहुंचे तब तब इलाके के किसानों व जन प्रतिनिधि इसे पूरा कराने की मांग सालों से करते आ रहे हैं पर उन्हे आश्वासन के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं हो पाया।

80 प्रतिशत कार्य हो चुका है पूरा
सलफ जलाशय का अस्सी प्रतिशत के आसपास का कार्य तीस साल पहले ही पूरा कर लिया गया था। इस बांध से किसानों के खेतों पर पानी पहुंचाने की नियत से नहर नाली के निर्माण के साथ और दिगर कार्य पूर्ण कर लिए गए थे। बांध पर सिर्फ उस दौर में नाला क्लोजिंग का कार्य पूरा किया जाना था किन्तु वन व पर्यावरण मंत्रालय की ओर से लगी आपत्ति के निराकरण नहीं होने के चलते यह बांध तीन दशक से अपनी नियति पर आंसू बहाते आज भी अधूरा है। इस पर जो कार्य हुए थे वो अब सारे निर्माण जीर्ण-शीर्ण की मुद्रा पर है जिसे देखकर किसान निराश होते हैं। बरसों पहले बनी नहर नाली और केनाल टूट फूट चुके हैं और कुछ स्थानों पर मिट्टी में पट गया है।
अधूरे बांध पर लाखों रुपए खर्च
इस अधूरे बांध को जलसंसाधन विभाग संरक्षित करने में लगा हुआ है। पिछले कुछ सालों में रोजगार गारंटी योजना व अन्य प्रावधानों के तहत विभाग लाखों खर्च कर अधूरे निर्माण की अस्तित्व को बचाने पर लगा हुआ है। पिछले कुछ सालों में विभाग द्वारा निर्माणाधीन बांध के भीतरी हिस्से के साथ नहर नाली की सफाई कराई गई थी।
बांध पूरे होने पर नहीं झेलनी पड़ेगी सूखे की मार
सलफ बांध के अधूरे होने के चलते यहां के किसानों को साल दर साल सूखे की मार झेलनी पड़ती है किन्तु बहुआयामी सलफ जलाशय परियोजना के पूरे होने पर किसानों के खेतों की प्यास दूर होगी और मैनपुर इलाके के किसानों को सूखे की स्थिति का सामना नहीं करना होगा।
गिरते जलसंकट की समस्या होगी दूर
ज्ञात हो कि मैनपुर क्षेत्र में ऐसा एक भी जल स्रोत नहीं है जो वर्तमान समय में सूखे की स्थिति निर्मित होने पर किसानों के खेतों की प्यास बुझाने में सक्षम हो। साथ ही इस बांध के निर्माण का कार्य यदि पूरा कर लिया जाता है तो मैनपुर मुख्यालय के साथ मैनपुर कला, जाडापदर, जिडार, गोपालपुर, गौरघाट, भाठीगढ, नहानबिरी, बरदूला, झरियाबहारा, देहारगुडा, चलकीपारा सहित अनेक ग्रामों में गिरते जल संकट की समस्या से निजात मिल जाएगी।
क्या कहते है अधिकारी
बांध के लिए नया बजट आया हुआ है जिसको सैंक्शन के लिए भेजें हैं जिसमें कैनाल का काम है मरम्मत का स्टीमेट बनाकर कर भेजा गया जैसे ही सैंक्शन होकर आएगा वैसे ही काम चालू किया जाएगा।
दीपक कुमार पाठक एस डी ओ जल संसाधान विभाग गरियाबंद