
केरल,कर्नाटक से शुरू होकर ब्रिटेन,पाकिस्तान और बांग्लादेश पहुंचा लव जिहाद… आखिर है क्या
नई दिल्ली (गंगा प्रकाश):- लव जिहाद की चर्चा देश भर में जोरों पर है। लव जिहाद का आरोप लगाने वाले कहते हैं कि मुस्लिम युवक अपनी पहचान छिपाकर दूसरे धर्मों की लड़कियों को भावनात्मक रूप से धर्म परिवर्तन करने को मजबूर करते हैं। इसमें टेरर एंगल भी देखा जा रहा है। लगभग एक दशक पहले लव जिहाद का नाम सुना गयाा। आइए देखते हैं कि लव जिहाद पर अब तक क्या हुआ।पूरे देश में इन दिनों कथित लव जिहाद का मामला तूल पकड़ रहा है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठनों की ओर से विरोध की आवाज उठ रही है। धर्म परिवर्तन के पांच मामले सामने आने के बाद आरोप लग रहे हैं कि शहर में एक संगठित गिरोह सक्रिय है। आरोप है कि इस गिरोह के सदस्य अपनी पहचान छिपाकर सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाते हैं। यही नहीं दूसरे धर्म की लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने के बाद निकाह करते हैं। संगीन आरोपों से पुलिस भी हैरान है। इस मामले में अब आईजी ने एसआईटी का गठन किया है।
आइए जानते हैं कि क्या है लव जिहाद
साल 2009 में पहली बार केरल और कर्नाटक में बड़े पैमाने पर हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए। धीरे-धीरे पूरे देश में और यहां तक कि भारत के बाहर पाकिस्तान और ब्रिटेन में भी लव जिहाद के केस होने का दावा किया गया। समय-समय पर हिंदू, सिख और ईसाई संगठनों ने इसको लेकर अपनी चिंता जताई है। हालांकि, मुस्लिम संगठनों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
केरल कैथलिक बिशप काउंसिल ने उठाया था मुद्दा
लव जिहाद के शुरुआती मामले केरल और तटीय कर्नाटक के मैंगलोर इलाके में सामने आए। अक्टूबर 2009 में केरल कैथलिक बिशप काउंसिल ने दावा किया कि लगभग 4,500 लड़़कियों को लव जिहाद का निशाना बनाया गया। वहीं हिंदू जनजागृति समिति का आरोप था कि अकेले कर्नाटक में ही 30 हजार लड़कियों का धर्म परिवर्तन किया गया।
साल 2014 में सिख काउंसिल ने की चर्चा
सिख काउंसिल को साल 2014 में ऐसी खबरें मिलीं कि ब्रिटेन के सिख परिवारों की लड़कियां लव जिहाद में फंसाई जा रही हैं। इनमें कहा गया कि इन लड़कियों को बाद में पतियों के हाथों हिंसा का सामना करना पड़ता है, कुछ को पाकिस्तान में हमेशा के लिए छोड़ दिया गया।
सिमी, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगे आरोप
लव जिहाद के पीछे कट्टर इस्लामिक संगठन सिमी और फिर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को जिम्मेदार बताया गया। केरल में कुछ फिल्मों पर आरोप लगा कि वे लव जिहाद को बढ़ावा दे रही हैं। हालांकि उनके निर्माताओं ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया।
अखिला धर्म परिवर्तन करके सादिया बन गईं
साल 2017 में अखिला बनी हादिया, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा केस
मई 2017 में केरल हाई कोर्ट ने हिंदू युवती अखिला (धर्म परिवर्तन के बाद हादिया) और मुस्लिम युवक शफीन जहां के निकाह को अवैध ठहरा दिया। इसके पीछे आधार दिया गया कि इसमें अखिला के परिवार की सहमति नहीं थी। अखिला के पिता का कहना था कि धर्म परिवर्तन और निकाह के तार इराक और सीरिया तक जुड़े हैं। पुलिस जांच में निकले इस तथ्य पर कोर्ट ने निकाह को अवैध करार दिया कि केरल में बहुत से युवा धर्म परिवर्तन कर कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएआईएस में शामिल हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ अपील होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया और कहा कि अखिला अपनी मर्जी से निकाह करने को आजाद है। हां, कोर्ट ने एनआईए से कहा कि मामले की जांच टेरर एंगल से करती रहे।

केरल के चर्च ने साल 2020 में फिर किया आगाह
केरल की एक कैथलिक चर्च ने ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाते हुए दावा किया कि बड़ी तादाद में राज्य के ईसाई समुदाय की महिलाओं को लुभाकर इस्लामिक स्टेट और आतंकवादी गतिविधियों में धकेला जा रहा है। कार्डिनल जॉर्ज ऐलनचैरी की अध्यक्षता वाली पादरियों की एक संस्था ने राज्य सरकार पर भी आरोप लगाया कि वह ‘लव जिहाद’ के मामलों को गंभीरता से नहीं ले रही। इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने इन आरोपों से इनकार किया वहीं विश्व हिंदू परिषद ने बयान का स्वागत किया।
ईसाइयों का धर्म परिवर्तन फिर ISIS में भर्ती
पादरियों की धर्मसभा ने एक पुलिस रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि जिन 21 लोगों को आईएस में भर्ती किया गया था, उनमें से आधे ईसाई थे जिन्होंने अपना धर्म बदला था। यह घटना पूरे समुदाय के लिए एक आंख खोलने वाली होनी चाहिए। यह भी पता चला है कि कई लड़कियों को लव जिहाद के जरिए से आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा रहा था। यह एक गंभीर मामला है, लव जिहाद कोई कोरी कल्पना नहीं है।’
अगस्त 2020 में नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने कुछ बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफकिंग का केस दर्ज किया है। यह केस तमिलनाडु के चेन्नै में रहने वाली स्टूडेंट की किडनैपिंग से जुड़ा है, जिसे ब्रिटेन से किडनैप कर बांग्लादेश ले जाया गया। NIA इस केस की जांच लव जिहाद के ऐंगल से कर रही है। इस मामले में युवती के पिता ने सीसीबी में 21 मई को केस दर्ज कराया था।
शादी के नाम पर लगातार बढ़ रहे हैं धर्मांतरण के मामले…
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर कानून बेहद सख्त है। दस साल तक की सजा के प्रावधान भी हैं, लेकिन बावजूद इसके लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। ये केस गोरखपुर का है। जहां एक महिला खुर्शीद नाम के शख्स पर आरोप लगाए हैं। आरोप जबरदस्ती के, आरोप अश्लील वीडियो बनाने के, आरोप धर्म परिवर्तन के, आरोप जबरदस्ती निकाह के और आरोप जान से मारने की धमकी देने और टॉर्चर करने के।
गोरखपुर में लड़की का धर्म परिवर्तन करवाकर निकाह
इस लड़की की पहले एक दूसरे शख्स से शादी हुई थी जिससे इसकी तीन साल की बेटी है। इसके पति ने इसे छोड़ दिया था। ये अकेली अपनी बेटी को पाल रही थी। आर्केस्ट्रा में नौकरी करती और अपना घर खर्च चलाती। इसी दौरान ये बैंड बजाने वाले खुर्शीद हाशमी के संपर्क में आई। खुर्शीद ने इससे दोस्ती का नाटक किया। ये खुर्शीद पर भरोसा करने लगी थी, लेकिन इस लड़की के मुताबिक खुर्शीद ने इसे धोखा दिया। लड़की के मुताबिक इसे नशीली दवा पिलाकर खुर्शीद ने इसका अश्लील वीडियो बनाया और फिर इसे शादी के लिए मजबूर किया। न चाहते हुए भी जबरदस्ती लड़की का धर्म परिवर्तन किया गया।
निकाह के बाद किया लड़की को टॉर्चर
इस लड़की से निकाह करने के बाद भी इस शख्स को चैन नहीं था। ये इसके साथ मारपीट करने लगा। इतना ही नहीं इसने दूसरा निकाह भी कर लिया। इसी दौरान ये लड़की प्रेग्ननेंट हो गई तो लड़के ने इसका गर्भपात भी करवाया। खुर्शीद महाराजगंज के राम जानकी इलाके का रहने वाला है। अब इसके खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी है, लेकिन सवाल ये है कि जो इसने लड़की की जिंदगी को खराब किया उसका क्या। इस तरह के कई मामले देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जहां धर्मांतरण को लेकर इतना सख्त कानून है वहां इस तरह के मामले हैरान कर रहे हैं।
कानपुर में फंसते-फंसते बची एक लड़की
उत्तर प्रदेश के कानपुर में ही अभी कुछ दिन पहले ऐसा ही मामला सामने आया। हालांकि इस केस में लड़की बच गई थी। मंगलपुर इलाके के एक लड़के ने फेसबुक पर ऋषभ के नाम से फेक आईडी बनाई और बीएचयू में पढ़ने वाली एक लड़की से दोस्ती की। इन दोनों ने मुलाकात की तो लड़की के सामने इसकी हकीकत आ गई। इस लड़के का असली नाम सानू चिकना था। ये लड़की पर धर्म परिवर्तन और निकाह का दबाव बनाने लगा, लेकिन लड़की ने ये बात अपने परिवार को बताई और फिर परिवारवालों ने पुलिस की मदद ली। लड़के को गिरफ्तार कर लिया गया। अब जान लीजिए वो पांच कारण जिस वजह से सख्त कानून होने के बावजूद लड़कियां इस फरेब में फंस रही हैं।
वजह नंबर 1- प्यार का जाल
इस तरह के मामलों में अक्सर कॉलेज की छात्राएं फंसती हैं। वजह है प्यार का खेल। लड़कियों को इस उम्र में लगता है कि उन्हें प्यार हो गया और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। प्यार की वजह से वो कई बार जानबूझकर भी इस मामले में अपनी आंखें बंद कर लेती हैं, लेकिन बाद में उन्हें हकीकत का अहसास होता है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
वजह नंबर 2 – परिवार वालों से छुपाकर रखना
कई बार जब लड़कियां दूसरे धर्म के लड़के साथ रिलेशन में होती हैं तो वो डर के मारे अपने परिवार को नहीं बताती। कई बार वो भागकर शादी करने जैसा कदम उठा लेती हैं, जिसके लिए उन्हें अक्सर बाद में पछताना पड़ता है। अगर परिवार वालों के मर्जी से ऐसी शादियां हो तो इस तरह की समस्याएं काफी कम हो जाती हैं, लेकिन लड़कियों को लगता है कि परिवार नहीं मानेंगे और फिर वो इस जाल में फंस जाती हैं।
वजह नंबर 3- धर्म छुपाकर प्यार करना
इस तरह के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। लड़कों को डर होता है कि उनका धर्म जानने के बाद लड़की उससे दोस्ती नहीं करेगी। ऐसे में लड़के अपना नाम बदलकर या हिंदू नाम रखकर लड़कियों से दोस्ती कर लेते हैं। दोस्ती और प्यार होने के बाद वो अपनी हकीकत लड़कियों को बताते हैं। एक बार रिलेशन में आ जान के बाद कई बार लड़कियां उससे नहीं निकल पाती और फिर इस जाल में फंसती चली जाती हैं।
वजह नंबर 4- सोची समझी साजिश
कई बार सोची समझी साजिश के तहत लड़कियों को जाल में फंसाने का ये तरीका भी होता है। प्लानिंग के तहत लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाया जाता है। इसके कई तरीके होते हैं जैसे लड़की के एसएमएस, वीडियो बनाकर उसको धमकी देना, लड़की को अपने धर्म के बारे में नहीं बताना या कई और तरीके। इसे लव जिहाद कह सकते हैं। जब तक शादी न हो जाए लड़की के सामने सच नहीं आता।
वजह नंबर 5-कम पढ़ी-लिखी लड़कियां
ऐसे मामलों में अक्सर कम पढ़ी-लिखी लड़कियां ज्यादा फंसती हैं। गरीब घरों से ताल्लुक रखने वाली ये लड़कियां किसी मजबूरी की वजह से ऐसे लड़कों के जाल में फंस जाती हैं। उन्हें लगता है कि सब कुछ ठीक होगा, लेकिन शादी के बाद उन लड़कियों के साथ अत्याचार शुरू होते हैं।