मकान क्षतिग्रस्त राशि के इंतजार में रतिराम सिन्हा भीख मांग कर जीवन चलाने में मजबूर

गरियाबंद/छुरा (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिले के छुरा विकास खण्ड समीपस्थ ग्राम रानी परतेवा निवासी रतिराम सिन्हा 80 वर्षीय और उनकी पत्नी डेरहीन सिन्हा 60 वर्षीय 3 वर्षों से टूटे-फूटे मकान में रहकर जीवन यापन कर रहे हैं। रतिराम के मकान पूरी तरह टूट जाने से घर से बेघर हो गए दोनों दंपत्ति अपना जीवन विश्वकर्मा समाज भवन में 3 वर्षों से काट रहे हैं। लेकिन आज तक उन्हें अपनी खुद की घर नसीब नहीं हुआ हालत काफी खराब अभी भी रतीराम भीख मांग मांग कर अपना जीवन यापन चला रहे हैं। लेकिन शासन प्रशासन की नजर ऐसे बुजुर्गों वृद्धजनों पर नहीं पड़ रही। राज्य सरकार वृद्धजनों बुजुर्गों के लिए तरह-तरह की योजनाएं संचालित की है फिर भी इन बुजुर्गों तक योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे बुजुर्गों को पंचायत प्रतिनिधि भी ध्यान नहीं देते हैं। जिसको शासन प्रशासन की मदद दिलाए जा सके। शासन द्वारा मकान क्षतिग्रस्त होने पर 95100 प्रति आवास अनुदान राशि शासन द्वारा दिया जाता है। किंतु इस राशि की मदद रतीराम सिन्हा को आज तक नसीब नहीं हुआ है। इस गंभीर समस्या को लेकर जिले के इंडियन रेडक्रास समाजसेवी मनोज पटेल ने शासन प्रशासन तक इन दिनों दोनों परिवार दुख-दर्द जानकारी देकर मदद तत्काल की अपील की है।

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