विधानसभा क्षेत्र में राजीम विधायक अमितेश शुक्ल की सबसे खराब परफारमेंस, विधानसभा में 112 दिनों में 65 दिन हुए उपस्थित, अमितेश शुक्ला ने जनता के भरोसे के साथ किया विश्वासघात – रोहित साहू

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। राजीम विधायक अमितेश शुक्ला की विधानसभा क्षेत्र में के कुल 112 दिन में सिर्फ 62 दिन की उपस्थिति रिपोर्ट एक प्रतिष्ठित अखबार में प्रकाशित होने से समूचे राजिम विधानसभा क्षेत्र में दिनभर चर्चा का विषय रहा। राजीम विधायक अमितेश शुक्ला के विधानसभा क्षेत्र में सबसे खराब परफारमेंस पर तंज कसते हुए जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने कहा कि राज्य के शीर्ष मंच विधानसभा में राजीम विधायक अमितेश शुक्ला की सबसे खराब परफारमेंस रिपोर्ट ने क्षेत्र के जनता को शर्मसार किया है। चुंकि राजीम की जनता ने अपने क्षेत्र की समस्या को विधानसभा के पटल पर रखने विधायक अमितेश शुक्ला पर भरोसा कर उन्हें अपना विधायक चुना था। राजीम विधायक श्री शुक्ला ने आम जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात किया है। जिसे जनता कभी माफ नहीं करेगा। राजिम की जनता अब तक अपने विधायक से यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब तक उनके नेता विधानसभा के पटल पर क्षेत्र में स्कूल कॉलेज उद्योग सड़क पुल पुलिया के अलावा राजीम को जिला बनाने की मांग को प्रमुखता से रखेंगे। रोहित साहू ने आगे कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ला के पुत्र ने अपने भागीरथी पिता के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। प्रथम पंचायत मंत्री श्री शुक्ला ने अब तक विधानसभा में सिर्फ अधिकारियों की खिंचाई करते रहे। स्वंम की कीमत दोगुनी करने दो अधिकारी को अपना शिकार भी बनाया। अवैध रेत खदान से उन्होंने अपनी संपत्ति दोगुनी कर लिए हैं रोहित साहू ने आगे कहा कि विधायक जी कम से कम पैरी नदी के किनारे तटबंध की स्वीकृति दिला देते इससे बहुत गांव सुरक्षित हो जाते,किसानों के खेती किसानी खराब होने से बच जाते किंतु आप यह भी नहीं कर सके। विधानसभा सत्र में कम उपस्थिति वाले विधायकों की लिस्ट में राजीम विधायक का नाम सबसे ऊपर है। चल रहे इस मानसून सत्र को छोड़ दिया जाए तो एक तो 112 दिवस की उपस्थिति में बमुश्किल 65 दिन ही पूरे 5 साल में शामिल हुए हैं। यह राजीम विधायक की निष्क्रियता का परिणाम है जो आज स्पष्ट हो गया है। उक्त बातें जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठकर दुरुपयोग किया है। सत्र के दौरान उन्हें विधानसभा भवन में होना चाहिए था लेकिन उन्हें तो कमीशन खोरी से फुर्सत मिले तब ना क्षेत्र में बड़ी संख्या में रेत की अवैध कारोबार चल रहा है। जिस पर कमीशन का खेल नए-नए रूप लेती है। इसी के चलते आज गांव की शांति भंग हो गई है। राजीम विधायक पद का दुरुपयोग करने में माहिर है। वह क्षेत्र का दौरा भी नहीं करते। एक जागरूक विधायक का परिचय देते हुए काम करना चाहिए था। क्षेत्र की जनता ने उन पर 5 साल के लिए विश्वास जताया था। लेकिन किसी भी परिस्थिति में वह खरा नहीं उतर पाए वैसे भी 5 साल में वह ऐसे विधायक है कि कई गांव में तो चुनाव जीतने के बाद भी नहीं गए हैं जहां गए हैं वहां भी समस्याओं का अंबार है। क्षेत्र की सड़कें जर्जर हालत में हैं। बिजली पानी की सुविधा ना के बराबर है। नेताजी राजिम क्षेत्र के विकास के मुद्दे को भुलाकर सिर्फ काजू किशमिश खाकर समय गुजार दिए। विधानसभा क्षेत्र में अभी तक व्यवसायिक पाठ्यक्रम जिससे यहां के विद्यार्थियों को रोज मिले ऐसा एक भी स्कूल-कॉलेज नहीं खोल पाए। उद्योग धंधे के बारे में तो उन्होंने सोचा ही नहीं पुल पुलिया सड़क इत्यादि को भुलाकर चंदा वसूली के लिए अधिकारियों के पीछे पड़े रहते हैं। मंगलवार को एक दैनिक अखबार में छपी खबर से स्पष्ट हो गया कि पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे खराब पोजीशन पर राजीम विधायक है। कोरोना काल में तो पूरे 2 साल तक क्षेत्र के लोगों की ओर पलट कर देखना मुनासिब नहीं समझा। जनता कोरोना वायरस की विभीषिका से जूझ रही थी और विधायक रायपुर में बैठकर मतदाताओं को तड़पने के लिए छोड़ दिया था। इस दौरान देखा गया कि हमारे विधायक का दर्शन ही नहीं था। अभी भी पूरे विधानसभा में ढेरों समस्याएं सुरसा की तरह मुंह खोलकर खड़ी है और वह अपने आप में मस्त है।


राजिम में नवीन मेला मैदान में काम बंद 

प्रदेश सरकार राजिम में नवीन मेला मैदान विकसित करने के लिए करोड़ों रुपए का प्लान बनाया है और काम चलने की दुहाई भी देते हैं हकीकत में आकर यहां देखा जाए तो काम ही बंद है। यहां काम करने वाला ना कोई मजदूर है ना कोई ठेकेदार अलबत्ता कुछ काम चालू किए थे। जो अब भी बंद पड़ा हुआ है। इस तरह से झूठी वाहवाही बटोरने वाली कांग्रेसी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जनता समझ रही है कौन क्षेत्र का विकास करा सकते हैं और यहां के लोगों को उनका हक दिला सकते हैं। क्योंकि राजिम विधानसभा क्षेत्र में अनेक अवसर हैं उन्हें तलाशने की जरूरत हैं परंतु कांग्रेस सरकार ने पिछले कई वर्षों में राजीम विधानसभा का सिर्फ दोहन किया है। अविभाजित मध्यप्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री दिए एक बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री दिए परंतु यहां की स्थिति जिस ऊंचाई पर होनी चाहिए। अभी भी अपना अस्तित्व नहीं बना पाए हैं। एक छोटे से काम के लिए लोगों को राजधानी रायपुर तथा अन्य बड़े शहरों का सहारा लेना पड़ता है। इससे बड़ी शर्मिंदगी और क्या हो सकती है आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता इसे सबक जरूर सिखाएगी।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *