
गरियाबंद/ राजिम/ फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अनुपूरक बजट में की गई बड़ी घोषनाओं पर कटाक्ष करते हुए राजिम पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय ने इन घोषनाओं को चुनाव पूर्व डैमेज कंट्रोल की रणनीति के तहत हड़बड़ी में उठाया गया कदम करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिछले चुनाव में घोषणा पत्र की बड़बोली घोषनाएं आज तक पूरी नहीं हो सकी है और अब लगभग 3 माह में आगामी चुनाव को देखते हुए झूठे वादों से नाराज चल रहे प्रदेश के आंदोलन कर्मचारियों को साधने की जुगत में करना कुछ और था और सीएम ने घोषनाएं कुछ और कर दी है। जो कांग्रेस पार्टी की पिछली घोषनाओं में परस्पर विरोधाभासी है। लेकिन इन घोषनाओं में निहित रहस्य को प्रदेश समझदार कर्मचारी वर्ग समझ चुका है। पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि वह ऐन चुनाव के पहले प्रदेश में अपने नियमितीकरण की आस लगाए बैठे 37 हजार संविदा कर्मचारियों को संविदा वेतन पर 27% बढ़ोतरी का झुनझुना पकड़ा रहे हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी ने पिछली बार सरकार बनते ही 10 दिनों में नियमितीकरण करने का वादा किया था।