कोसा धागाकरण बना आजीविका का साधन

समूह के सदस्यों ने तीन महीनों में 82 हजार रूपये से अधिक का अर्जित किया मुनाफा

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। राज्य शासन द्वारा संचालित हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ लेकर जिले के समूह के सदस्य अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं। शासन द्वारा प्रदान किये जाने वाले अधोसंरचना और तकनीकी सहयोग के बदौलत ग्रामीण अधिक आय अर्जित करने के लिए आजीविका के अन्य साधनों पर भी जोर दे रहे हैं। इसी तारतम्य में समूह के सदस्यों ने कोसा धागाकरण को आजीविका का नया साधन बनाकर पिछले तीन महीनों में ही 82 हजार रूपये से अधिक का आय अर्जित कर चुके है। ग्राम किरवई के कोसा विकास स्वसहायता समूह के 17 हितग्राहियों ने जिले में संचालित रेशम केन्द्र किरवई में कोसा धागा का उत्पादन कर 2 लाख 3 हजार 650 रूपये का धागा बुनकरों को बेच चुके है। इससे कोसा फल की लागत चुकाने के बाद भी सदस्यों को 82 हजार 844 रूपये का शुद्ध लाभ हुआ है। समूह के सदस्य अपने घरेलु कामों के अलावा अतिरिक्त समय में कोसा धागाकरण का काम करके आर्थिक लाभ कमा रहे है।


सहायक संचालक रेशम विभाग एस.के. कोल्हेकर ने बताया कि जिले में की गई अभिनव पहल के तहत कोसा धागाकरण से हितग्राही रोजगार प्राप्त कर रहे है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में अप्रैल से जून 2023 तक जिले में संचालित रेशम केन्द्र किरवई में समूह के सदस्यों द्वारा 82 किलो से अधिक टसर कोसा धागा का उत्पादन किया गया। समूह के सदस्यों को शासन की ओर से रेशम केन्द्र में कोसा धागाकरण के लिए अधोसंरचना एवं आवश्यक सुविधा प्रदान किया जाता है। रेशम विभाग द्वारा ककून बैंक से ककून खरीदी में भी सहयोग की जाती है। साथ ही सदस्यों को मशीन भी दी जाती है, जिससे ग्रामीणों को कोसा धागाकरण में सहुलियत होती है। सहायक संचालक ने बताया कि जिले के अधिक लोगों को कोसा धागाकरण के कार्य से जोड़ने के लिए मालगांव में भी धागाकरण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने का प्रयास किया जा रहा है।

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