
मैनपुर (गंगा प्रकाश)। बारिश के इन दिनो में इस वनांचल पहाडी क्षेत्र में कुछ जंगलो का नजारा बेहद खुबसुरत होता है खास तौर पर वाटर फाल अपने पुरे शबाब पर होते है लोग इनके प्राकृतिक सौन्र्दय का आंन्नद लेने जाते है पर उनमे से कई इन जगहो पर आसावधानी के चलते लोग घटनाओं के शिकार भी होते है इसलिए वाटरफाल देखने से पहले पुरी सुविधाओ के साथ और सावधानी पूर्वक जाना चाहिए ऐसी ही एक वाटरफाल तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 15 किलोमीटर की दुरी कुल्हाडीघाट के पहाडी पर बोतल धारा के रूप में पुरे प्रदेश में प्रसिध्द है पहली ही बारिश के साथ इस वाटर फाल को तहसील मुख्यालय मैनपुर से देखा जा सकता है लगभग दो किलोमीटर की उचाई से बोतल की आकार लिए धुआंधार जल प्रपात को गिरते देखने का एक अलग ही अनुभव है यहा पहुचने के लिए मैनपुर से बुडार तक 7 किलोमीटर वाहन से पहुचा जाता है और 6 किलोमीटर पैदल दुर्गम पहाडी रास्तो को पार कर यहा पहुचते है हर बारिश के दिनों क्षेत्र के खासकर युवा यहां पहुचते है और जल प्रपात का आंन्नद लेते है। यह जंगल जितनी खुबसुरत ही उतनी खतरनाक है लेकिन कही पर भी चेतावनी बोर्ड नही लिखा है,लेकिन यहा चेतावनी बोर्ड लगाया जाना बेहद आवश्यक है सेल्फी और ग्रुप फोटो यहां लेना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए इस खुबसूरत वाटर फाल के तरफ प्रशासनिक तौर पर सुरक्षा के इंतजाम पर्यटन मंडल को करना चाहिए वैसे यहा मात्र चार माह ही बारिश के दिनों मे वाटर फाल देखने को मिलता है बहरहाल बोतल धारा जल प्रपात की खुबसुरती को वंही बिहड जंगलो को पार को पहुचने के बाद ही अहसास किया जा सकता है ।