बिजली पानी शिक्षक सुविधाओं के लिए तरस रही बालिका आश्रम नकबेल

मैनपुर (गंगा प्रकाश)। आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर से संचालित राजकीय आश्रम पद्धति से चलाए जाने वाले नकबेल (गरहाडीही) बालिका आश्रम बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए आश्रम तो संचालित की जा रही है मगर यहां जरूरी सुविधाओं की कमी है। यहां पढ़ने वाले बच्चों को न तो शुद्ध पानी मिल रहा है और न ही पर्याप्त बिजली। पानी के संकट से भोजनालय और शौचालय की नियमित सफाई नहीं हो पा रही है। इससे बच्चों में संक्रामक बीमारी का खतरा बढ़ गया है।बालिका आश्रम नकबेल (गरहाडीही) में  बिजली पानी शिक्षक सहित तमाम तरह की अव्यवस्थाएं है।  यहां 100 सीटर  आश्रम व्यवस्था है जहां  करीब 80 बच्चे पंजीकृत हैं। आश्रम परिसर, शिक्षण कक्ष, छात्रावास, भोजनालय तथा शौचालय में बिजली के बगैर गंदगी फैली हुई है।क्योंकि पानी स्टोर नहीं हो पा रहा है। भोजन आदि के लिए रोजाना बाहर से  पानी मंगाया जाता है। पानी की कमी से छात्राओं को स्नान आदि करने में असुविधा होती है। इस तरह आश्रम व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने से नौनिहाल बालिकाओं की शिक्षा व्यवस्था बदहाली से गुजर रही । 

ग्रामीणों ने किया शिक्षकों की मांग

ग्रामीणों ने बताया की आश्रम नकबेल(गरहाडीही) में प्राथमिक शाला में दो शिक्षक हैं और माध्यमिक शाला में एक भी टीचर नहीं है ऐसे में पढ़ाई में गुणवत्ता कैसे आएगी और बच्चों को बेहतर शिक्षा कैसे मिल पाएगी।

अधीक्षका ने बताया कि आश्रम व्यवस्था सहित प्राथमिक शाला में दो ही शिक्षक है मगर  माध्यमिक शाला में एक भी शिक्षक नहीं है।आश्रम में सोलर सोलर पैनल लगा हुआ है जिससे बारिश के दिनों में सोलर पैनल नहीं चलने से पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती है। बड़ी मशक्कत से आसपास की हैंडपंप से पानी लाया जाता है । यहां आश्रम में बिजली की सुविधा नहीं होने से अंधेरे में बच्चों को रखना पड़ रहा है यह बारिश के दिनों में बहुत ही मुश्किल दौर है जहां बच्चों को अंधेरे में रखा जा रहा है जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। क्योंकि बारिश के दिनों में सोलर पैनल काम नहीं करने की वजह से आश्रम में पूरी तरह अंधेरा रहता है जिसमें बालिकाओं की सुरक्षा करना बड़ा मुश्किल काम है जिस तरह से इस बरसाती समय में विभिन्न प्रकार के विषैले जीव जंतु का खतरा बना है जिससे अंधेरे में रखना बड़ा मुश्किल है। इसके लिए जिले के तमाम अधिकारियों को पत्राचार भी किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला सका है।

क्या कहते है जिम्मेदार

शिक्षक व्यवस्था के लिए मैंने प्रस्ताव दे दिया है जिला शिक्षा अधिकारियों को कहां-कहां से व्यवस्था करनी है उसकी अनुमति आने पर व्यवस्था होगी ।

जिला शिक्षा अधिकारी डीएस चौहान गरियाबंद

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