
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ी खेल को बढ़ावा देने मे समर्पित राजीव गांधी यूवा मितान के अध्यक्षों को अब यह जिम्मा बोझ से कम नही लग रहा है क्योंकि देवभोग सीईओ द्वारा जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को बस लाने उनके लिए ड्रेस और खाना पीना के लिए देवभोग ब्लॉक के सभी राजीव गांधी युवा मितान के अध्यक्ष को 3 हजार का खर्च उठाने का बेतुका मौखिक फरमान सुनाया है जिसे लेकर यूवा मितान के अध्यक्षों मे काफी ज्यादा नाराज़गी व्यव्प्त है क्योंकि जारी सर्कुलेशन अनुसार ग्रामीण और जोनस्तर के खेल संस्कृति कार्यक्रम सहित पुरस्कार वितरण मे आंबटित की पूरी राशि को लगभग सभी ने खर्च कर दिया है अब ऐसे स्तिथि में 3 हजार रुपए का जुगाड किस तरह किया जा सकता है जानकारी अनुसार आगामी 26 अगस्त से छत्तीसगढ़ी पारंपरिक खेल गतिविधियों को ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में प्रोत्साहित करते प्रतिभागियों को मंच प्रदान करने के लिए जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है जिसके ब्लॉक के सभी यूवा मितान अध्यक्ष के बीच जनपद सभागार में बैठक आयोजित किया गया और इस बैठक में 3 हजार राशि जमा करने की फरमान से लगभग सभी अध्यक्ष शॉक्ड रह गए क्योंकि जनपद कार्यालय में कई तरह के फंड सरकार द्वारा दिया जाता है जिसके साहारे खेल कूद कराने के साथ साथ ड्रेस और प्रतिभागियों जिला मुख्यालय भेजने का प्रबंध आसानी से हो सकती हैं बावजूद इसके राजीव गांधी युवा मितान के अध्यक्षों पर आर्थिक बोझ डालना समझ से परे है क्योंकि पखवाड़े भर पहले ग्रामीण और जोन स्तरीय मे कराए गए खेल कूद सहित अन्य पर समूह ने राशि खर्च करने की बात कह रहे हैं ऐसे में स्तिथि उधारी लेकर भी 3 हजार रुपए देना कई अध्यक्षों के लिए मजबूरी होगा इसलिए ज्यादातर मितान अध्यक्षों मे अच्छी खासी नाराजगी देखी जा रही हैं
प्रदेश समन्यवक से शिकायत कर कार्यवाही की होगी मांग -: नाम नहीं छापने की स्तिथि में कुछ मितान क्लब के अध्यक्षों ने बताया कि इस तरह की एक तरफा तानाशाही फरमान पार्टी के लिए काफी नुकसान होगा आर्थिक रूप बचने के लिए अध्यक्ष पद से इस्तीफा होने की संभावना भी बताई जाती हैं ऐसे तमाम बातों को लेकर खनिज निगम मंडल अध्यक्ष गिरीश देवांगन एवम् राजीव गांधी युवा मितान प्रदेश समन्यवक देवेंद्र यादव से मिलकर शिकायत दर्ज कराने की बात कर रहे हैं क्योंकि यह मनमानी आगामी दिनों और भी बढ़चढ़ कर किया जाएगा सबसे खास बात तो यह है की देवभोग में जिस तरह मितान अध्यक्षों को फरमान सुनाया है वह जिले के अन्य ब्लॉक में बिल्कुल भी नही है शायद यही कारण है कि जिम्मेदार पर अपनी स्वार्थ साधने का आरोप लगाया जा रहा है मजेदार बात तो यह की 3 हजार आऊट ऑफ रूल लेने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी को सामने नही रखा गया बल्कि ब्लॉक के मितान अध्यक्षों की को जमा करने के लिए खास अध्यक्ष को चुना गया है