
घोषणा पत्र में जो किए थे वादे वह अभी तक नहीं हुए पूरे
वेतन विसंगति को लेकर पूरी वाक्यांश लगातार जारी
विनय सिंह
बलौदाबाजार( गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तलेस्वास्थ्य विभाग के विभिन्न संगठनअपनी मांगों को लेकर एकजुट होकर 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठ हुए थे,48 साल में संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा घोषणा पत्र में शामिल स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ कर्मियों की वेतन विसंगति सुधारे जाने एवं मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कोई कार्य में लगे स्वास्थ्य अमले को कोविड-19 विशेष भत्ता दिए जाने एवंविसंगति से जूझ रहे कई कैडर के अधिकारी कर्मचारी वेतन विसंगति जो नहीं हो पाया।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पिंग कमेटी गठित किया था जिसका जवाब 4 साल बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया ऐसे में मुख्यमंत्री के एवं पिंगला कमेटी कार्यप्रणाली का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी विश्वास करें। छत्तीसगढ़ में चिकित्सक एवं चिकित्सा स्टाफ के साथ आए दिन हिंसात्मक घटना देखने को मिलता है कुछ महीनों में कई चिकित्सकों के ऊपर जानलेवा हमला हुआ जिस पर एफ आई आर दर्ज कर नियमानुसार कार्यवाही होना था लेकिन नहीं हुआ। ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले चिकित्सक एवं चिकित्सा स्टाफ भय से मुक्त होकर मरीजों को इलाज एवं देखभाल कैसे कर पाएंगे। डॉक्टरों को चार इस्तरी वेतनमान जूनियर डॉक्टरों के वेतन वृद्धि नर्सिंग स्टाफ के ग्रेड पर में वृद्धि एच ओ एवं अन्य कर्मचारियों के विसंगतियों को दूर करने की मांग शामिल है। साथ ही जहां स्वास्थ्य विभाग में 20 अधिकारी कर्मचारियों का सेटअप है वहां पर 7 से 10 कर्मचारी कार्यरत हैऐ से में उन 7 से 10 कर्मचारियों के ऊपर कार्य का कितना भार होगा कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारी ही समझ सकते हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग में पद सेटप के अनुसार भर्ती करना अत्यावश्यक है। समस्त सामान्य अवकाश अन्य अवकाश भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को निरंतर कार्य करना पड़ता है विभाग में मुख्यमंत्री द्वारा प्रत्येक सप्ताह के हर शनिवार को अवकाश घोषित किया गया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में अवकाश मिलना मुश्किल है। जिसके लिए अवकाश दिवस का अतिरिक्त वेतन भुगतान करना चाहिए लेकिन छत्तीसगढ़ सरकारस्वास्थ विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों के साथ केवल छलावा ही किया जा रहा है। आसपास के राज्यों के सरकार द्वारा कोविड-19 में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया गया है जबकि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जस्ट इसके विपरीत किया गया अर्थात स्वास्थ विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से उनके 1 दिन का वेतन लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को विशेष रूप से प्रताड़ित किया है। और सारे कई बातों को अपने लेख में प्रदर्शित करते हुए पूरे हेल्थ फेडरेशन के द्वारा कलेक्टर को मुख्यमंत्री का नाम ज्ञापन सौंपा गया।