राजिम में श्याम कुमारी देवी के बाद किसी भी पार्टी से महिला उम्मीदवार नही बन पाई विधायकराजिम सीट से भाजपा ने रोहित साहू को उम्मीदवार घोषित किया अब कांग्रेस से क्षेत्र में जनपद अध्यक्ष पुष्पा साहू को टिकट मिलने की जता रहे संभावना

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)।-आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने गुरुवार को 21 उम्मीदवारों का नाम घोषित कर दिया हैं। जिसमें से राजिम विधानसभा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू को उम्मीदवार बनाये जाने के बाद अब कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार कौन होगा इसका कयास लगाना शुरू कर दिए हैं। वर्तमान में राजिम विधानसभा से कांग्रेस के अमितेश शुक्ल विधायक हैं। राजिम विधानसभा शुक्ल परिवार का शुरू से ही गढ़ माना जाता हैं। हालांकि वर्तमान विधायक अमितेश शुक्ल 2003 में चंदूलाल साहू व 2013 में संतोष उपाध्याय से पराजित हो चुके हैं जो फिर से 2018 में संतोष उपाध्याय को 58 हजार वोटों के अंतर से हराकर फिर से विधायक चुने गए। वही इस बार वर्तमान विधायक की कार्यो को लेकर क्षेत्र की जनता मायूस हैं। ऐसे में कांग्रेस से टिकट के लिए आधा दर्जन कांग्रेसी टिकट मांग करते हुए अभी से जनसंपर्क करना शुरू कर दिए। जिसमें ज्यादातर कांग्रेसी साहू समाज से हैं। इन लोगों द्वारा जिस तरह जनसंपर्क किया जा रहा हैं जिसमें फिंगेश्वर जनपद पंचायत के अध्यक्ष पुष्पा साहू जनता को अच्छा खासा प्रभावित कर रही हैं। अगर पुष्पा साहू कांग्रेस से टिकट ला लेती हैं तो भाजपा के उम्मीदवार रोहित साहू से सीधा मुकाबला देखने को मिल सकता हैं। क्योंकि पुष्पा साहू वर्तमान में जनपद अध्यक्ष होने के साथ.साथ पिछले पंचवर्षीय में जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं। जिससे उसकी पूरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के बीच संपर्क हैं। पुष्पा टिकट निकालकर चुनाव जीत लेगी तो बनेगी विधानसभा की दूसरी महिला विधायक. अगर जनपद अध्यक्ष पुष्पा साहू को कांग्रेस से टिकट मिल गया और चुनाव जीत लेती हैं तो वे इस राजिम विधानसभा से अब तक की दूसरी महिला विधायक होंगी। इसके पहले 1952 के पहले विधानसभा चुनाव में रानी श्याम कुमारी देवी राजिम से चुनाव जीतकर एकमात्र पहली महिला विधायक बनी थी। जिसके बाद से दोनों ही दलों द्वारा 1998 तक किसी महिला को प्रत्याशी नही बनाया गया। 1998 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार महिला प्रत्याशी नीना सिंह को राजिम के विधानसभा मैदान में उतारा लेकिन वे पूर्व मुख्यमंत्री स्वण् श्यामाचरण शुक्ल के प्रभाव क्षेत्र होने के कारण उनके पुत्र अमितेश शुक्ल से चुनाव हार गए। वही छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से भी दोनों ही दलों ने किसी महिला को प्रत्याशी नही बनाया गया। हालांकि 2013 के विधानसभा चुनाव में टिकट नही मिलने के कारण भाजपा से बगावत कर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्वेता शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन वे चुनाव में बुरी तरह हार गई। यहां तक कि उसे नोटा से भी कम वोट मिला। जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना था। क्षेत्र के जनता भी चाहते हैं महिला विधायक बने. राजिम विधानसभा क्षेत्र के जनता 1952 को छोड़कर अब तक सिर्फ पुरुष प्रत्याशी ही विधायक बनकर सामने आए हैं। लेकिन इस बार राजिम विधानसभा क्षेत्र की जनता चाहते हैं कि इस विधानसभा में अरसे बाद महिला विधायक बने। लेकिन कोई भी पार्टी हो 1952 व 1998 के चुनाव को छोड़ दे तो किसी भी पार्टी ने महिलाओं पर विश्वास नही किया हैं। वही इस बार कांग्रेस से जनपद अध्यक्ष पुष्पा साहू क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क बनाई हुई हैं लेकिन राजिम विधानसभा में कांग्रेस से अभी तक शुक्ल परिवार का चलता आया हैं ऐसे में उसकी टिकट लाने पर भी संशय बना हुआ है। हालांकि क्षेत्र की जनता इस बार महिला विधायक चुनने के पक्ष में हैं। अब तो आने वाला समय ही तय करेगा कि टिकट किसको मिल रहा हैं।

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