
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)।नगर के कवि एवं साहित्यकार थानूराम निषाद ने मुख्यमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ी को आगामी सत्र से कक्षा पहली से पांचवी तक एक विषय के रूप में पढ़ाये जाने की घोषणा का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ी भाषा और भी समृद्ध होगी। विदित हो कि छत्तीसगढ़ी भाषा को एक विषय के रूप में लागू करने की मांग कई वर्षो से चली आ रही थी। समय समय पर साहित्यकारों ने इसके लिए कई बार शासन से गुहार लगाई थी। नगर थानूराम निषाद ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि छत्तीसगढ़ी को राजकाज की भाषा बनाई जाए। चूंकि सन 2007 से ही छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा मिल चुका है लेकिन आज पर्यन्त छत्तीसगढ़ी रामकाज की भाषा नहीं बन पाई है। इसके कारण शासकीय कार्यालयों, मंत्रालयों एवं विधानसभा में भी कार्यवाही हिन्दी में ही की जा रही है। राजकाज की भाषा बन जाने से इन सभी जगहों पर छत्तीसगढ़ी में कामकाज होंगे। श्री निषाद ने कहा कि 15 अगस्त के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान की घोषणा भी की है जिसके तहत तीन सम्मान दिए जाएंगे। 1 आंचलिक साहित्य के लिए 2 हिन्दी में पद्य साहित्य 3 हिन्दी में गद्य साहित्य के लिए। उपरोक्त तीनों सम्मान के लिए पांच-पांच लाख रूपए कर सम्मान राशि साहित्यकारों को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत करते हुए श्री निषाद ने कहा निश्चित रूप से इससे साहित्यकारों को उचित सम्मान मिलेगा और उत्कृष्ट साहित्य का सृजन भी होगा।