
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)।-छ.ग. की कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल सत्ता के पहले दिन से कृषि और कृषक हित की योजनाओं को अंजाम दे रहे है और आज तक अनवरत उनके कार्यो में छ.ग. के किसानों का हित हो रहा है। इससे भाजपा बौखला गई है। और कुछ भी अनाप-शनाप अनर्गल राग अलाप रही है। परंतु कभी किसान हित को नहीं छोड़े। भाजपा द्वारा किसानों के हित में घड़ियाली आंसू बहाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भावसिंग साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ का किसान देश में सबसे ज्यादा अपनी फसल की सबसे ज्यादा कीमत छत्तीसगढ़ में पाता है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार देश में अकेली ऐसी सरकार है जो किसानों के धान को 2500 में खरीदने की गारंटी देती है और इस वर्ष तो 2640 रू. में किसानों का धान खरीदा गया। मोदी सरकार के द्वारा किसानों को धान के समर्थन मूल्य से अतिरिक्त भुगतान पर रोक लगाने के बाद भाजपा की किसान विरोधी चरित्र के काट के रूप में भूपेश बघेल सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू कर किसानों को 9000 और 10000 रू. प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देना शुरू किया है। श्री साहू ने कहा कि पिछले पांच साल में धान खरीदी राजीव गांधी किसान न्याय योजना कर्जमाफी के माध्यम से भूपेश सरकार ने किसानों के खाते में 1 लाख 70 हजार करोड़ रू. सीधे किसानों के खाते में डाला। भाजपा आदतन किसान विरोधी है। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने हर चुनाव में किसानों को बोनस के नाम पर धोखा दिया। 2100 में धान खरीदी का वायदा कर किसानों का वोट लिया लेकिन नहीं निभाया। रमन राज के दौरान 1 जनवरी 2004 से 1 जनवरी 2019 अर्थात भाजपा के शासनकाल के 15 साल में 12937 किसानों ने आत्महत्या की थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वादा किया था 2023 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लेकिन नहीं किया। आज खेती की लागत मूल्य बढ़ गयी लेकिन मोदी सरकार कृषि उपज के समर्थन मूल्य में सही बढ़ोतरी नहीं करती है। डीजल, बिजली के दाम बढ़ गये। किसानी मोदी राज में घाटे का सौदा हो गया है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भावसिंग साहू ने कहा कि पौने पांच साल में कांग्रेस सरकार ने धान खरीदी में 8259.4 करोड़ रू. का नुकसान उठाया था। वर्ष 2018-19 में 1501.87 करोड़ रू. का हानि 2019-20 में 1056.93 करोड़ रू. की हानि 2020-21 में 2010.41 करोड़ का हानि 2021-22 में 2083.27 करोड़ रू. का हानि 2022-23 में 1606.92 करोड़ रू. की हानि उठाया था। यही नहीं 2020-21 में कांग्रेस सरकार ने 2500 में धान खरीदकर 1100 से 1200 में खुले बाजार में बेचकर नुकसान उठाया था।