
राजिम (गंगा प्रकाश)। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से 2 महीने पहले 21 प्रत्याशियों नाम सूची से पूरे राजनीतिक माहौल छत्तीसगढ़ में बन गया है, भाजपा ने सूची बनाई है जिसमें एबीसीडी, सी और डी श्रेणी के सीटों को नाम जारी किया गया है। जहां भाजपा कभी जीती है, कभी हार हुई है और जहां कभी नहीं जीत हुई है, राजिम विधानसभा तक छत्तीसगढ़ राज्य गठन होने के बाद परिवर्तित करने वाली विधानसभा सीट है। एक बार भाजपा तो कभी कांग्रेस भी यहां आई है, बीजेपी से केवल साहू उम्मीदवार को ही सफलता मिली है। हमारे संवाददाता ने फिंगेश्वर क्षेत्र का दौरा किया और बहुत वरिष्ठ नेताओं से चर्चा किये। जहां वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि भाजपा में अनुशासन के वजह से रोहित साहू के नाम पर ना विरोध हो रहा है ना समर्थन हो रहा है, केंद्रीय नेतृत्व के गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद जहां-जहां टिकट में सस्पेंस है उसे दूर किया जाएगा। पार्टी पर्यवेक्षक भी भेज सकती है एवं बूथ स्तर के नेताओं से चर्चा करके आने वाला समय में पार्टी रणनीति भी तैयार कर सकती है। रोहित साहू के नाम को वरिष्ठ नेताओ के द्वारा आसानी से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। पार्टी में अंतर विरोध दिखाई दे रहा है। जो जनता के बीच खुलकर नहीं आ रहा है। क्योंकि साहू समाज पिछड़ा वर्ग से अगर टिकट को महत्व दिया गया तो पिछड़ा वर्ग से कई पुराने नेता सामने दिखाई दे रहे हैं। उनको क्यों मौका नहीं दिया गया, क्षेत्र में दावा करने के बाद समझ में आया। कई ऐसे वरिष्ठ नेता है जो 1997 से जिनका नाम चल रहा था। उनका नाम 2023 में सामने नहीं आया। पार्टी पर समर्पित कर्मठ नेताओं का नाम नहीं आने से असंतुष्ट दिखाई दे रहे हैं। हालांकि टिकट वितरण का पैरामीटर कैसा होना चाहिए कई विधानसभा सीटों से पार्टियों से भूल हो सकती है। यह पार्टी का आंतरिक मामला है। भारतीय जनता पार्टी इसको बिल्कुल दूर करने की एवं वरिष्ठ नेताओं को संतुष्ट करने की बिल्कुल प्रयास कर सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं कुछ भी नामुमकिन नहीं है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का यही स्लोगन रहता है मोदी है तो मुमकिन है। भाजपा ने 21 प्रत्याशियों के नाम सूची जारी किए हैं उसको बिल्कुल सत्यार्थ अभी नहीं समझा जा सकता। क्योंकि इतिहास में ऐसा हो चुका है अंतिम से अंतिम दौर में पार्टी नॉमिनेशन से ठीक पहले उम्मीदवार भी बदल देती है। विपक्ष में दिए गए प्रत्याशी के हिसाब से और अच्छे प्रत्याशी के लिए बदल भी देते हैं। हालांकि अभी कांग्रेस एवं अन्य उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है। राजनीति ताश की पत्ती की तरह है। तुम्हारा उम्मीदवार यह है तो हमारा उम्मीदवार यह है यह बिल्कुल तुरुप का पत्ता की तरह बदल भी सकता है।