नगर में गोस्वामी तुलसीदास जयंती बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। जय मां मौली मानस परिवार टिकरापारा परशुराम वार्ड में गोस्वामी तुलसीदास जयंती बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गोस्वामी तुलसीदास जी के छायाचित्र कि पूजा अर्चना पश्चात गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवनी के कुछ प्रेरक प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक एवं मानस व्याख्याकार थानू राम निषाद ने बताया गोस्वामी जी का जन्म प्रयाग के पास चित्रकूट जिले में राजापुर नामक एक ग्राम में हुआ था पिता का नाम आत्मा राम दूबे एवं माता का नाम हुलसी था संवत् 1554 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र में 12महिने तक गर्भ में रहने के बाद हुआ था कहा जाता है गोस्वामी जी जन्म लेने के तुरंत बाद राम बोलने के साथ गायत्री मंत्र का उच्चारण किया कातो उनकी आयु पांच वर्ष के बराबर था जन्म से ही उनके बत्तीस के बत्तीस दांत थे स्वामी जी के जन्म के कुछ दिन पश्चात माता .पिता का साया सिर से चला गया माता पिता के जाने के बाद दासी चुनियाँ अपने साथ ले गए वहां भी पांच वर्ष के आयु हुआ ही था इधर दासी चुनिया का भी देहांत हो गया उसके बाद नरहरी दास ने लालन.पालन किया गोस्वामी श्रीरामचरितमानस जैसे अनेकों अमर ग्रन्थ की रचना की जो आज भी जनमानस के बीच सिर चढ़कर बोल रहा है पूरे विश्व में सबसे ज्यादा पढ़ने वाले ग्रंथों में श्रीराम चरित मानस को सबसे ऊपर देखा जाता हैं आज भारत देश में गांव गांव में पढ़ा जाता है इसके अलावा कवितावलीए दोहावलीए विनय पत्रिकाएहनुमान चालीसा जैसे अनेक कालजयी रचनाएं लिखें है भक्तजनों के ज़हन में गोस्वामी जी की काव्यात्मक शैली को काफी पसंद किया जाता है जो जनमानस के भीतर रच बस चुका हैं जो इनके ग्रंथों को पढ़कर अपने आप को धन्य महसूस करते हैं गोस्वामी जी की रचनाओं में भक्तिए ज्ञान त्यागए वैराग्यए तथा सदाचार की शिक्षा देनेवाला बालक वृद्ध और युवा सबके लिये समान उपयोगी एवं सर्वोपरी सगुण साकार हैं इस अवसर पर जय मां मौली मानस परिवार के सदस्यों के द्वारा संगीतमय रामायण पाठ किया गया जिसे सुनने के लिए काफी संख्या में मोहल्लेवासियों की उपस्थिति रही जो देर रात्रि तक चलता रहा। प्रमुख रूप से लखन ध्रुव केशव निषाद होरीलाल ध्रुव मेहत्तर ध्रुव लोकू निषाद रामाधार निषाद नारायण निषाद श्यामकार्तिक यादव खेदू राम सिन्हा डोगेनद्र पांडे की प्रमुख उपस्थिति रही सभी के लिए प्रसाद की व्यवस्था समिति एवं मोहल्लेवासियों के सहयोग से किया गया था।

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