
गरियाबंद/राजिम/छुरा/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। भाजपा में राजिम विधानसभा की टिकट को लेकर जबरदस्त आंतरिक बवाल मचा हुआ है। भाजपा के वरिष्ठ, पुराने एवं जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं में राजिम विधानसभा से टिकट वितरण को लेकर लगभग सभी वरिष्ठ नेता न सिर्फ नाखुश है बल्कि भाजपा क तथाकथित वरिष्ठ कहे जाने वाले नेताओं की कार्य करने की मनमानी से कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी है। अनुशासित एवं पार्टी लाइन में चलने वाली भाजपा में इस तरह का बवाल निश्चित ही वर्षो से पार्टी एवं संगठन के बड़े बड़े पदों में बैठे नेताओं के विरूद्ध शंखनाद माना जा रहा है। 6 सितंबर को भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक की उपस्थिति में हुई भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में लगभग सभी वरिष्ठनों ने श्री कौशिक को राजिम विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ जमकर खरी-खोटी सुनाई। भाजपा के राजिम विधानसभा के लगभग सभी महारथी कहे जाने वाले इस बैठक में उपस्थित थे। कहा तो यहां जा रहा है कि टिकिट वितरण के बाद राजिम विधानसभा में चल रहा भयंकर तार्किक विरोध से सभी तथाकथित बड़े नेता सकते में है। यही कारण है कि चुनावी व्यूह रचना के नाम से इस बैठक में धरमलाल कौशिक जैसे मजे हुए नेता को डेमेज कन्ट्रोल के लिए आनन-फानन में यहां भेजा गया था। बताया जाता है इस बैठक के पूर्व टिकट वितरण से नाखुश लगभग सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता रायपुर जाकर संगठन से जुड़े एवं बड़े नेताओं के समक्ष अपना आक्रोश दिखाकर आ चुके थे। उनकी मंशा, हाव-भाव तथा अकाव्य तर्को से रायपुर भाजपा कार्यालय में उथल पुथल मच गई थी। पार्टी संगठन के ओम माथुर, अजय जामवाल, नितीन नवीन, पवन साय सहित पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह के समक्ष राजिम के सभी वरिष्ठ जनों ने टिकट वितरण के तरीके से लेकर टिकट दिए जाने पर पूरे तर्क के साथ अपनी बातें रखी। भाजपा नेताओं का कहना था कि मात्र 2 साल पूर्व कांग्रेस और उसके बाद जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता को किस आधार पर भाजपा की टिकट दी गई। पार्टी एक से एक वरिष्ठ, कई वर्षो से पार्टी का काम कर रहे, संघर्ष कर रहे कार्यकर्ता है। जनाधार एवं पार्टी में कट्टर आस्था रखने वाले अनेक कार्यकर्ता है। अगर जातिवाद की बात थी तो भी पार्टी में अनेक समर्पित लोग है। फिर दल बदलू एवं पारिवारिक परिवेश में भी कभी भाजपा में वोट तक न डालने वाले को क्यों, कैसे, किसके कहने पर राजिम से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया। कार्यकर्ताओं का आक्रोश यह भी था कि राजिम विधानसभा को पार्टी प्रयोग शाला बनाकर समर्पित एवं आस्थावान कार्यकर्ताओं को अपमानित करती है। कभी रायपुर से लाकर पैसे वाली महिला को कभी अभनपुर से लाकर एक फोटोग्राफर को, कभी कांग्रेसी को यहां से टिकट दिया गया। पार्टी बता दें कि स्थानीय कार्यकर्ताओं को क्यों योग्य नहीं माना गया। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में किस बात की कमी है और उन्हें क्या करना चाहिए। छुरा में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा व्यक्त किए गए आक्रोश भावभंगिमा एवं वाणी की अमर्यादित अभिवयक्ति की क्षेत्र में जमकर चर्चा है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि अंत में भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रमुख को अपनी विवशता यह कहकर बतलानी पड़ी कि क्या आप लोग समझते है कि मैं टिकट के बारे में निर्णय ले सकता हूॅ। अंततः उन्होंने कहा कि मैं आप लोगों की भावना से बड़े नेताओं को अवगत कराऊंगा। बैठक में चंदूलाल साहू, अशोक बजाज, संतोष उपाध्याय, राजेश साहू, डॉ. रामकुमार साहू, डॉ. श्वेता शर्मा, संदीप शर्मा, अशोक राजपूत, पूनम यादव, रामूराम साहू, मुरलीधर सिन्हा सहित अनेक कार्यकर्ताओं का रोष काफी तीखा एवं आक्रमक था। इस बैठक में भाजपा कार्यकर्ताओं के रोष एवं अभिव्यक्ति की क्षेत्र सहित भाजपा खेमे में जमकर चर्चा है। बैठक में स्थिति यहां तक बिगड़ गई थी कि भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश साहू निर्देश पर राजिम से चयनित भाजपा उम्मीदवार को बैठक कक्ष से बाहर कर दिया गया।