
फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। सिरजन संस्थान के प्रधान संरक्षक वरिष्ठ साहित्यकार और समाज सेवी नूतन लाल साहू ने बताया कि हमारे संस्था द्वारा विगत 10 वर्षों से हर वर्ष शासन से बिना मदद लिए चंदा इकट्ठा कर यह लोक कला महोत्सव विलुप्त हो रही कला संस्कृति परंपरा को बचाए रखने के उद्देश्य को लेकर करते आ रहे हैं जिसमें पंथी, पंडवानी, बांस गीत, डण्डा राहस नृत्य, सुआ नृत्य, राऊत नाचा, गम्मत मंगल भजन लोक कला मंच आदि की प्रस्तुति के अलावा छत्तीसगढ़ी बोली भाखा और संरक्षण निमित्त साहित्यिक संरक्षण आंचलिक कवियों द्वारा काव्य पाठ किया जाता है और इसमें नवोदित और पुराने कलाकारों साहित्यकारों को मंचीय अवसर देकर सम्मानित किया जाता है।
रविवार को छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन और दर्शनीय स्थल घटारानी धाम धसकुल में सिरजन लोक एवं साहित्य संस्था का बैठक सम्पन्न हुआ। जिसमें विभिन्न लोककला दलों के करीब 50 प्रमुखो ने शामिल होकर उक्त प्रस्ताव पास किए।संस्थापक गौकरण मानिकपुरी ने बताया कि इस महती बैठक में महिला कलाकारों को तीजा पर्व के पूर्व तीजहारीन सम्मान गमछा के पूर्व तीजहारीन सम्मान गमछा और नारियल देकर तथा बुजुर्ग कलाकारों का भी सम्मान किया गया जो हमारे संस्था के परंपरा में से एक है जिसे भी दस वर्षों से निभाने का प्रयास सिरजन द्वारा किया जाता है उन्होंने बताया कि इस मासिक बैठक में संरक्षक नूतन लाल साहू अध्यक्ष, सेवक ठाकुर फिंगेश्वर जनपद पंचायत के पूर्व सभापति, नारायण साहू उपाध्यक्ष, गंगा बाई मानिकपुरी,संयोजक खेम निषाद,मिडिया प्रभारी यशोमति सेन,सचिव यश कुमार साहू,पुर्व सचिव चुम्मन सिन्हा,कोषाध्यक्ष चैतू तारक,फिंगेश्वर ब्लाक ईकाई अध्यक्ष तुलेश्वर घृतलहरे,छुरा ब्लाक ईकाई अध्यक्ष पवन कुमार घृतलहरे,पुर्व संरक्षक बुधारु यादव,शंभू राम टोंडरे,माखन लाल साहू,बिसाहू राम,हीरा बाई चक्रधारी,बृजलाल सिन्हा,नंद कुमार ध्रुव,,ठाकुर राम साहू,बिसन कंवर,लीला बाई कंवर,रजमत बाई कंवर,रूप दास मानिकपुरी,विजय पटेलरजऊ राम ध्रुव,नारायण सिन्हा,केशरी,भूलू राम सेन,श्रवण पटेल,दौलत यादवसहित 50 की संख्या में कलाकार शामिल हुए।