
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)-महिला आरक्षण बिल संसद में स्वीकृत होने से जागरुक महिलाएं काफी खुश हैं। महिलाओं की प्रतिक्रिया है कि इस बिल से संसद एवं विधानसभाओं में तो 33 प्रतिशत आरक्षण से राजनीती लाभ तो प्रत्यक्ष दिख रहा है परन्तु इस महिला आरक्षण कानून से सभी क्षेत्रों में महिलाओं में आत्मविश्वास पारिवारिक जवाबदारियों में भागीदात्री के साथ साथ समाज में भी महिलाओ को सम्मान मिलेगा। महिलाओं के साथ अत्याचार कम होंगे और सभी स्थानों पर पूछताछ बढ़ेगी। पुरुषों के साथ महिलाएं कंधा से कंधा मिलाकर काम करने में सक्षम बनेगी।नगर की जागरूक महिलाओ ने इस बिल पर अपनी राय कुछ इस तरह व्यक्त की।

श्रीमती शीला यदु :-पंचायत चुनाव से लेकर राज्य विधानसभा और संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। जिन महिलाओं को सालों से दरकिनार किया जाता रहा है उन्हें सम्मान मिलेगा। इससे आने वाले समय में बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा।महिला बिल भारतीय राजनीति में बहुत आवश्यक था।जिसे कई बार टाला जाता रहा है इस बार इसके पास होने की संभावना प्रबल है।

श्रीमती शीला जीवनलाल श्रीवास्तव ने नारी शक्ति वंदन बिल पेश होने पर सभी बहनों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिए महिला आरक्षण आवश्यक है। इस आरक्षण के माध्यम से महिलाओं को फैसला लेने प्रक्रिया एवं देश के विकास में सहभागी बनने का अवसर मिलेगा। नारी शक्ति वंदन अधिनियम से लोकतंत्र मजबूत होगा।

श्रीमती शीतल राजपूत :- केन्द्र सरकार का यह एक बहुत अच्छा कदम है।इससे भारतीय राजनीति में महिलाओं का आत्मसम्मान बढ़ेगा। जिन महिलाओं को राजनीति के शिखर तक पहुंचने में लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ती थी इसमें बदलाव आयेगा। इस कानून के पास होते ही भारतीय संसद में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ेगी जो नारी शक्ति के स्वरूप में अपनी छवि को और मजबूत करेगी।

श्रीमती प्रमदा ठाकुर :- यह विधेयक भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक क्रांतिकारी कदम है। यह बिल बहुत पहले ही पास हो जाना चाहिए था लेकिन देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर जिस तरह केन्द्र सरकार इस विधेयक को लोकसभा में मंजूरी दिया है यह निश्चित ही स्वागत योग्य है। इससे हम महिलाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ेगी और देश में महिलाओं के हित में काम होंगे।

सुश्री गायत्री बंछोर ने कहा कि यह बिल निश्चित रूप से स्वागत योग्य हैदेश के विकास में सहभागी बनने का अवसर मिलेगा। इस बिल के पास हो जाने पर संसद और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।

श्रीमती सरोज सोनी:- महिला बिल अभी पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है। यह एक कानून के रूप में जब तक नहीं बन पाता तब तक इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।हालांकि इसके पास होने के बाद भारतीय राजनीति में महिलाओं का वर्चस्व बढ़ना निश्चित है। यह एक अच्छी शुरुआत है एक लम्बे समय की मांग पूरी होने की उम्मीद है। अभी तक महिलाओं को राजनीति में वह स्थान नहीं मिल सका है। जिसकी वे हकदार हैं।

श्रीमती अदिति पहाड़िया :- सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण करने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया हैयह स्वागत योग्य है। आज तक दूसरी पार्टी की सरकार ने नहीं कर पाया वह भारतीय जनता पार्टी ने कर दिखाया। इस बिल के पास होने से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी लाभ मिलेगा।इस बिल के पास हा जाने पर संसद और विधानसभाओं में माहलाओ की भागीदारी निश्चित रूप से बढ़ेगी। 1996 में यह बिल पहली बार पेश हुआ था।उसके बाद कई बार पेश हुआ लेकिन पास नहीं हो पाया था।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह बिल पास हुआ है।इस बिल से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक तिहाई सीट एससीए एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जाएगी।

श्रीमती पूजा पहाड़िया :- वर्तमान सरकार महिलाओं को पुरूषों के समान दर्जा दिलाने लगातार प्रयासरत हैलोकसभा में मातृवंदना अधिनियम के तहत महिलाओं के लिए लाया गया बिल निश्चित ही स्वागत योग्य हैइससे महिलाओं कऐ मजबूती मिलेगी। आने वाला समय महिलाओं का होगा। यह बिल महिलाओं के लिये मील का पत्थर साबित होने वाला है। इससे भारतीय राजनीति में महिलाओं का आत्मबल बढ़ेगा