महिला आरक्षण स्व. राजीव गांधी की दूरदर्शिता का परिणाम – रूखमणी मांडले

फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रूखमणी मांडले ने नारी शक्ति वंदन विधेयक-2023 महिला आरक्षण संसद में पारित होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की दूरदर्शिता का परिणाम है। इस विधेयक से महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने की मंशा पूरी हो सकेगी। नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने अपने बयान में कहा कि संविधान के 128 वें संशोधन के रूप में पारित महिला आरक्षण विधेयक से आधी आबादी को पूरा अधिकार मिलने का रास्ता साफ हुआ है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के उन आरोपों का जवाब भी है जिसमें वे 60 वर्षो से स्वतंत्र भारत के विकास और लोकतांत्रिक व्यवस्था को झूठलाते है। श्रीमती रूखमणी मांडले ने कहा कि सबसे पहले वर्ष 1989 में राजीव गांधी की सरकार में स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने सदन में महिला आरक्षण विधेयक लाया था। वर्ष 1993 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने दोबारा ये बिल सदन में रखा और पारित करवाया। इसके बाद ही पंचायत और निकायों में महिला आरक्षण लागू हुआ। नतीजा है कि आज देश में तकरीबन 15 लाख महिलाएं निकायों का प्रतिनिधित्व कर रही है। श्रीमती मांडले ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यूपीए सरकार ने लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए 2008 में इस बिल को 108 वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में राज्यसभा में पेश किया था। वहां यह बिल नौ मार्च 2010 को भारी बहुमत से पारित हुआ लेकिन क्षेत्रीय दलों ने इसमें अडं़गा डाला। यह बिल तब से ही अस्तित्व में है, जिसे वर्तमान केन्द्र सरकार सदन में लेकर आई। और कांग्रेस के समर्थन से भारी बहुमत से पास कराया।

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