
कवर्धा (गंगा प्रकाश)। केंद्र और राज्य शासन के द्वारा अनेको योजनाओ के सञ्चालन,और कठोर कानून के बाद भी स्थानीय अधिकारियो के सुस्त और खानापूर्ति करने की आदत के चलते जिला मुख्यालय से लेकर छोटे नगरो में हजारो की तादात में छोटे बच्चे व महिलाये छोटे बच्चो को गोद में लेकर भीख मागते नजर आ रहे है ये बच्चे शिक्षा के आभाव में तथा गलत सांगत के चलते कम उम्र में ही नशा और अपराध के रास्ते पर चल पड़ते है, जिले में कुछ घुमंतू जाती के बच्चे आसानी से भीख मांगते हर जगह दिख जाएंगे ।
सहानभूति बटोरने छोटे बच्चो का लेते है सहारा – अधिकतर महिलाये गोद में छोटे बच्चो को लेकर घुमती है, जिसके चलते लोग अक्सर सहानभूति में आकर भीख दे देते है, इस तरीके को अपना महिलाये ठन्डी बरसात हो या गर्मी का मौसम चंद रुपयों के लिए बच्चो को फटे पुराने कपड़ो में बच्चो की सेहत की परवाह किये बिना सडको पर घूमते रहते है,
शासन की योजना – इस्पोंसर सिप योजना – जिसमे भीख मांगने वाले बच्चो को पढाई और अन्य खर्च के लिए प्रति माह 4 हजार रूपये की मदद की जाती है।
जिले में सिर्फ – 5 बच्चे लाभान्वित
किशोर न्याय अधिनियम – 2015 की धरा 76 बच्चो से भीख मंगवाने वालो के ऊपर कार्यवाही 5 साल की सजा का प्रावधान है,- अब तक जिले में कोई कार्यवाही नहीं –
सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी – भिक्षा-वृत्ति को रोकने जागरूकता अभियान सतत चलाई जाती है,लोगो को समझाइश भी दी जाती है की भीख दे कर इनका उत्साहवर्धन न करे,क़ानूनी कार्यवाही पुलिस करती है ,हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।