
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। छोटे से गांव टेका जहां सदियों से ग्राम देवता के रूप में श्री साई बाबा की पूजा होते आ रही है और यह पावन स्थान जहां पीपल का पेड़ ; पीकरीद्ध और पत्थर का एक चबूतरा था जो अब भाव और सुंदर मंदिर बन गया है जहां दूर.दूर से लोग आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। उक्त पावन स्थान में गांव के मालगुजार ठाकुर परिवार स्वर्गीय हनुमंत सिंह ठाकुर के सुपुत्र मोहन सिंह ठाकुर द्वारा साई बाबा की प्रेरणा सेएक छोटा सा मंदिर बनाकर पूजा अर्चना व्यवस्था की गई जो अब भव्य हो गया है । ये सब बातों की जानकारी होने पर साई बाबा के भक्त चंद्रभानु सतपथी ने जिन्होंने देश.विदेश में भी 300 से अधिक साईमंदिरों का निर्माण कराया है यहां के लिए एक सुंदर भव्य साई बाबा की प्रतिमा की व्यवस्था की इन सभी चमत्कारों से गांव वाले हतप्रभ है कभी किसी ने सोचा भी ना था यह स्थान इतना पावन और भव्य हो जाएगा । साईं भक्त मोहन ठाकुर बीच.बीच में जनप्रतिनिधियों द्वारा उक्त स्थान के विस्तार के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन आज तक कभी किसी ने कोई सुधि नहीं ली हाल ही में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार भूपेश बघेल जिसने कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी जी श्री राम का ननिहाल जो श्री राम भगवान का ननिहाल है का विस्तार किया इस प्रकार हम सभी साई भक्त और ग्राम वासी साई पीकरी धाम जहां कहा जाता है कि श्री साईं बाबा ने अतीत में अपने शिष्यों के साथ डेरा डाला था और गांव के मालगुजार स्वर्गीय हरदेव सिंह ठाकुर का आतिथ्य स्वीकार कर वही कुछ दिन विश्राम कर चले गए थे कहा जाता है उन्ही के द्वारा पीपल का वृक्ष लगाया गया था उनके जाने के उपरांत गांव वालो ने मिलकर उस स्थान को साई का पावन स्थान मानकर पूजा करने लगे और पीपल वृक्ष होने से यह स्थान साई पीकरी के नाम से प्रसिद्ध हो गया और बाबा की नियमित पूजा ग्राम देवता के रूप में होने लगी साई भक्त मोहन ठाकुर दुर्गा सिंह ठाकुर ग्राम प्रमुख तुलाराम विश्वकर्मा योगेंद्र सिंह ठाकुर भूतपूर्व सरपंच टोमन कुमार साहू पवन कुमार साहू तेजराम देवांगन इंदल साहू तेनु राम साहू अनिल यादव पन्नालाल साहू किशन साहू पीलू राम विश्वकर्मा गेंद राम ध्रुव सेवाराम साहू चिंता राम साहू एवं ग्राम के बैगा रेमन ध्रुव ने माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से और धर्म संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से पत्र द्वारा इस पावन स्थान के विस्तार के लिए गुहार लगाया है ताकि छत्तीसगढ़ के यह सांस्कृतिक धरोहर विश्व में प्रसिद्ध हो जाए।