नगर की मॉ मौली सहित अंचल की रमईपाठ माता, जतमई माता, घटारानी माता में क्ंवार नवरात्रि की हो रही तैयारी

फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। अंचल की मौली माता मंदिर फिंगेश्वर, मॉ घटारानी धाम, मॉ जतमई धाम, मॉ रमईपाठ आदि माता के दरबारों में क्वांर नवरात्र की तैयारियॉ जोर-शोर से चल रही है। इन दरबारों में मनोकामना ज्योति के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मंदिर समितियॉ व्यवस्था बनाने भारी मशकत कर रही है। शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि 15 अक्टूबर से प्रारंभ होगी। मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमा को आकार देने में लगे हुए है। जानकारी के अनुसार इस बार काफी बड़ी संख्या में सार्वजनिक स्थानों पर मॉ दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी, इसको लेकर भी सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समितियों के द्वारा तैयारियां की जा रही है। जगह-जगह माता की प्रतिमा बनाने का कार्य मूर्तिकारों के द्वारा किया जा रहा है। बताया गया है कि इस बार बड़ी संख्या में मूर्तियों के आर्डर मिल रहे है। पूरी तरह से आस्था और विश्वास से जुड़े इस पर्व में इस बार खासा उत्साह दिखाई देगा। महंगाई की मार स्पष्ट रूप से त्यौहारों पर नजर आ रही है। माना जा रहा है कि नवरात्रि में भी इसका पूरा असर दिखाई देगा। मूर्तिकारों ने बातचीत में बताया कि सभी सामानों की कीमत दोगुनी हो गई है जिससे मूर्तियों की कीमत भी उन्हें बढ़ानी पड़ी है। बड़ी मूर्तियों की सबसे कम कीमत 5000 हो सकती है और अधिकतम कीमत कितनी होगी कहा नहीं जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ नगर सहित आसपास के सभी देवी मंदिरों में साफ-सफाई रंग रोगन की पुरजोर तैयारी की जा रही है। इस बार भक्तों में विशेष उत्साह नजर आ रहा है फल स्वरूप मंदिरों की समितियों के द्वारा भी व्यापक तैयारियां की जा रही है। अंचल के ग्राम्यांचल में इस वर्ष सभी देवी मंदिरों में ज्योति कलश की स्थापना की तैयारियां लगातार हो रही है। स्पष्ट है कि मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाएंगे। जिन भक्तों के द्वारा मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्वलित करवाए जाते है उन लोगों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार ज्योति कलशों की संख्या में अच्छी खासी वृद्धि हो सकती है। कुल मिलाकर नवरात्रि पर्व को लेकर लोगों में इस बार अच्छा उत्साह है। अंचल की मौली मंदिर फिंगेश्वर, जतमई धाम, घटारानी धाम, रमईपाठ धाम सहित अन्य देवी मंदिरों में नवरात्र पर को लेकर तैयारियां जोर शोर से की जा रही है। मौली माता मंदिर प्रबंधन समिति के सरवराकार राजा निलेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि घृत ज्योति कलश की स्थापना की जाएगी इसके लिए 851 रू. का शुल्क निर्धारित है।

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