
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)।फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम सुरसाबांधा के ग्रामीण लंबे समय से गांव में कुछ लोगों द्वारा दबंगता पूर्वक शासकीय जमीनों पर मनमाने ढंग से कब्जा किए हुए है इससे ग्राम का विकास अवरूद्ध हो गया है। गत दिनों गांव प्रस्तावित फूडपार्क की जमीन में भी अतिक्रमण के चलते फुडपार्क भी अघर में लटक गया तो ग्रामीणों का सब खत्म हो गया। इस अतिक्रमण के मामले को लेकर ग्राम पंचायत सुरसाबांधा के ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे गए। सुरसाबांधा के ग्रामीणों ने अतिक्रमण मामले में प्रशासन से सहयोग नहीं मिलने पर आगामी विधानसभा चुनाव बहिष्कार करने कलेक्टर गरियाबंद को ज्ञापन सौंपा है। कलेक्टर कार्यालय आए सुरसाबांधा के ग्रामीणों ने कलेक्टर आकाश छिकारा को ज्ञापन देते हुए बताया कि गांव अधिकांश भूमि में कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया है जिसके चलते गांव के विकास कार्य बाधित हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि इंसानों के लाश को दफनाने के लिए भी जगह नहीं है मुक्तिधाम अतिक्रमित है जिससे अंतिम संस्कार के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गांव में खेलकूद के लिए मैदान नहीं है हमारे बच्चों को उनका हक कहा से दिलवाए। हाईस्कूल का भवन बन गया है लेकिन स्कूल के लिए ग्राउंड भी नहीं बचा है। पंचायत द्वारा विगत 3 साल का हिसाब किताब नहीं दिया है। जवाब देने में टालमटोल करते है। गौठान की अव्यवस्था गौठान में गौवंश के लिए उचित चारे पानी का व्यवस्था नहीं है। अतः ग्रामवासी गौठान में भी तालाबंदी करना चाहते है। फूडपार्क के लिए जमीन प्रस्तावित है लेकिन अतिक्रमणकारियों ने शासकीय जमीन में हाईकोर्ट से स्टे ले आया है। इन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत सुरसाबांधा को शासन और प्रशासन से किसी भी प्रकार से वांछित सहयोग न मिलने के कारण गांव में अशांति का माहौल बना हुआ है। गांव के दबंग अतिक्रमण कारियों के कारण गांव का समस्त विकास कार्य बाधित पड़ा हुआ है। इन्होंने अपने ज्ञापन में बताया कि गांव में पशुओं को चराने के लिए जगह नहीं है सभी किसान पशुओं को खुला छोड़ दिया है जो सड़क पर आकर बैठ जाते है जिससे दुर्घटना हो रही है तथा किसानों के फसलों की बहुत नुकसान हो रहा है इसलिए किसान भाईयों को मजबूर होकर पशुवंश को बेचना पड़ रहा है जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामलें में प्रशासन चुप बैठे हुए है। स्टे को हटवाने के लिए किसी भी प्रकार का पहल नहीं की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों को कहना है कि गांव वाले समझौता हा जाओ लेकिन हम लोगों ने लाख प्रयास किया। ये दबंग अतिक्रमणकारी समझौता होने को तैयार नहीं है। इसी कारण पिछले 4 सालों से शासन प्रशासन से उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। इन्होंने कहा कि प्रशासन चाहे तो न्यायिक मामले में राहत दे सकता है। ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में कहा कि उन्हें अतिक्रमण मामले में प्रशासन से सहयोग नहीं मिलता है तो सुरसाबांधा ग्राम पंचायत में तालाबंदी के अलावा आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।