

गरियाबंद समेत पूरे छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बजना शुरू हो गया ।राजनीतिक पार्टियां अपने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारने में लगे हैं । छत्तीसगढ़ में भाजपा कांग्रेस के साथ कई राजनीतिक पार्टियां इस बार के विधानसभा चुनाव में अपना किस्मत आजमाएगी । देखा जाए तो अबतक छत्तीसगढ़ के सभी 90 विधानसभा सीटो में भाजपा या कांग्रेस का दबदबा रहा है । लेकिन इस बार नए नए पार्टी आम आदमी, जोगी कांग्रेस , अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टियां कांग्रेस भाजपा का समीकरण बिगाड़ सकती है। इन सभी पार्टियों ने लगभग अपना सभी प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर चुके हैं । इस बार चुनाव त्यौहारी सीजन में हो रहा है । वो भी ऐसा त्यौहार जो बिना धूम धड़क्का के सम्भव नही होता हैं। ठीक दीपावली के समय चुनाव सम्पन्न होने वाला है। दूसरी तरफ अचार संहिता के नियम क़ायदे लोगो के त्यौहार को प्रभावित करेंगे । इसी कड़ी में गरियाबंद क्षेत्र में 2 विधानसभा में भाजपा कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों के नाम फाइनल हो चुके हैं ।जिसमे राजिम विधानसभा से अमितेश शुक्ला कांग्रेस, रोहित साहू भाजपा, तेजराम विद्रोही आम आदमी पार्टी , रोशन देवांगन अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी से नामांकन दाखिल करेंगे। वही बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा से जनकराम ध्रुव कांग्रेस, गोवर्धन मांझी भाजपा एवं आम आदमी पार्टी से भागीरथी मांझी दावेदार बताए जा रहे हैं। जनता कांग्रेस से अब तक दोनों विधानसभा से नाम सामने नही आया है। सभी पार्टियों के प्रत्याशी वादों की पोटली लेकर वोट मांगने अब घर घर दस्तक दे रहे हैं।
सान्धु संत एवं निर्दलीय प्रत्याशियों बिगाड़ सकते हैं समीकरण
दोनों विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशियों की भी डंका बजने की संभावना बताई जा रही है। जिससे पार्टी सिम्बाल वालो को औऱ कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ बड़े पार्टियों के नेता टिकट नही मिलने के कारण नाराजगी के चलते निर्दलीय लड़ने का मन बना रहे हैं। क्षेत्र में यह बात चर्चा का विषय बना हुआ है।
बहरहाल इसकी पुष्टि हम नही करते हैं ।दोनों विधानसभा क्षेत्रों में बड़े बड़े महात्मा सन्त का निवास है । इन दोनों विधानसभाओं में बड़े बड़े आश्रम में विख्यात बाबाओं का निवास है। सुनने में आया है कि यहां के स्थानीय साधु सन्त भी चुनाव में अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं । जिसके चलते बाकी प्रत्याशियों का मेहनत डबल करना पड़ सकता है । क्योंकि किसी भी साधु सन्त का पहुँच व प्रभाव पूरे क्षेत्र में होता है ।किसी भी व्यक्ति से जुड़ाव शुरू होकर उनके पूरे परिवार तक होता है।
सिटिंग एमएलए पर कांग्रेस ने फेका दाव तो बीजेपी ने काटा सिटिंग एमएलए का टिकट
बतादे की राजिम विधानसभा से कांग्रेस से अपने सिटिंग एमएलए अमितेश शुक्ला पर पुनः दाव फेंककर भरोसा जताया हैं । तो वही बिन्द्रानवागढ़ के भाजपा के अपने सिटिंग एमएलए डमरूधर पुजारी का टिकट काट दिया है । हालांकि इस मामले में पुजारी जी नाराज चल रहे थे लेकिन भाजपा पार्टी के कद्दावर नेताओ के मान मनोवल्ल से वे फिर से पार्टी के लिए सशक्त होकर कार्य करने की बात बोल रहे हैं ।
क्षेत्र का विकास की बात
राजिम विधानसभा में देखा जाए तो अबतक राजिम विधानसभा के विकास में कोई नया चीज परिवर्तन नही आया है । वहां के स्थानीय लोग राजिम को जिले बनाने की मांग को आज भी डटे पड़े हैं । दूसरी ओर देखा जाए तो छुरा से गरियाबंद मार्ग आज भी सिंगल साइड सड़क है वर्षो बीत गया लेकिन सड़क की व्यवस्था में कोई परिवर्तन नही है।
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां के 80 प्रतिशत लोग कृषि से जुड़े किसान वर्ग के मतदाता अधिक है और इनका मुख्य व्यवसाय कृषि होती है और जीवन यापन का मुख्य साधन भी खेती बाड़ी ही है।
लेकिन पिछले कई दशकों से यहां के किसान अपनी जमीन की फसलों की सिंचाई के साधन हेतु अंचल में स्थित सिकासार जलाशय से सिंचाई की मांग करते आ रहे हैं और कई बार शासन प्रशासन व सांसद, विधायक और मंत्री तक अपनी मांगों को लेकर गुहार लगाते हुए जिला मुख्यालय में आंदोलन भी कर चुके हैं।लेकिन अभी तक किसानों की मांग पुरी नहीं हुई।
जबकि बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र में स्थित इस जलाशय से राजिम विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई होता है लेकिन इसके सिंचाई का फायदा बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल पाता है। किसान संगठन की मानें तो इस बार इस विधानसभा क्षेत्र में इसी मुद्दे पर वे अपना विधायक चुनेंगे।