
ठेकेदार अपने घर में बैठा है लेवर भरोसे चल रहा सुस्त नल जल योजना

मैनपुर (गंगा प्रकाश)। सरकार द्वारा लोगो को साफ पानी मुहैया कराने के प्रयास को ठेकेदारों ने पलीता लगाने में जुटे है ।इस तरह शासन प्रशासन की योजना धरातल पर शून्य नजर आती दिखाई पड़ रही है।नल जल योजना में शासन प्रशासन द्वारा करोड़ों खर्च कर रही है ।मगर ठेकेदार अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे है ।क्योंकि संबंधित अधिकारियों द्वारा ना ही स्पॉट पर पहुंच कर मॉनिटरिंग कर किया जा रहा है ना ही मटेरियल की सही जांच की जा रही है और न ही देखरेख कर रही है इंजीनियर और संबंधित एसडीओ अपने दफ्तर में ही बैठकर सत्यापन कर दे रहे हैं। लगातार नल जल योजना में अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है जहां लोगों को पानी मिलना तो दूर नल की टोंटी ही गावों में शोभायमान दिखाई देते है। चाहे जितनी भी समाचार पत्रों के माध्यम से अधिकारियों तक ध्यान आकर्षण किया जाए मगर अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। लगातार गांव में देखा जा रहा है कि टंकी निर्माण के चलते जगह-जगह गड्ढे खोदकर छोड़ दिया जा रहा है जहां गांव में चलने तक के लिए रास्ता नहीं है वहां पाइपलाइन बिछाने के नाम पर बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर छोड़ दिया गया है चाहे ग्राम वासियों को चलने में दिक्कत हो या कोई भी परेशानी हो इससे उन्हें कोई मतलब नहीं रहता वह अपना काम किसी के तकलीफ को देखे बिना कर रहे हैं जिस तरह से देखा गया है कि ग्राम पंचायत सोयाबीन कछार के आश्रित ग्राम कोदोमाली को मैनपुर मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूरी पर ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग कर नल का स्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है यह भली भांति गांव वाले को मालूम है मगर सीधे-साधे ग्रामवासी ना किसी से शिकायत कर रहे हैं ना कुछ बोल पाते हैं उन्हें तो यह लगता है कि जैसे तैसे ही हमें पानी नसीब हो जाए मगर ठेकेदार द्वारा सही निर्माण नहीं करने की वजह से नल की टोटी का स्ट्रक्चर कुछ ही दिन में टूट सकता है। जब ग्राम वासियों से इस बारे में बात किया गया तो उन्होंने बताया की नल जल का काम करने वाले मजदूरों से कहा गया कि यह निर्माण घटिया है मगर उन्होंने किसी तरह से ध्यान नहीं दिया और लगातार निर्माण कार्य कर रहे हैं जहां ग्रामवासी बूंद बूंद पानी के लिए आज भी तरस रहे हैं जिस तरह से नल जल योजना के ठेकेदार के मजदूरों से बात किया गया तो उनका भी कहना है कि यहां रेती की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण व पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण इस तरह से निर्माण किया जा रहा है और उन्होंने भी स्वीकार की यह जो नल की स्ट्रक्चर बनाई जा रही है वह घटिया बन रही है। जिला के संबंधित अधिकारियों को फोन लगाने पर फोन रिसीव नहीं करते ऐसे में नल जल योजना की का निर्माण कैसे दुरुस्त होगा और कैसे ग्राम वासियों को नलजन का पानी उपलब्ध हो पाएगा और जब ठेकेदार का नंबर लेकर दूरभाष के द्वारा संपर्क किया गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि यह मेरा ठेका नहीं है किसी अन्य व्यक्तियों द्वारा इसका निर्माण किया जा रहा है लेकिन जब वहां काम कर रहे मजदूरों से फोन नंबर लिया गया तो उन्होंने इसी नंबर को बताया और इसी नंबर से फोन लगाया गया इस तरह से नल जल योजना में ठेकेदारों की मनमानी चल रही है जिससे लोगों को नल जल का पानी मिलना तो दूर उन्हें जिला मुख्यालय से 50 से 60 किलोमीटर रहने के कारण किसी भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता और अधिकारी और ठेकेदार मजे काटते हैं।