
फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)।-27 अक्टूबर शुक्रवार को राजा दशहरा के नाम एवं प्रतिष्ठा के अनुकुल मनाए जाने के लिए नगर के गणमान्य नागरिकों, शासकीय अधिकारियों, राजा दशहरा आयोजन समिती के सदस्यों, मन्दिर ट्रस्ट समिती के सदस्यों,कर्मचारियों की एक बैठक बालाजी मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई। जिसमें प्रतिवर्ष राजा दशहरा पर की जाने वाली व्यवस्था सुविधाओं के बारे में विस्तार से विचार विमर्श कीया गया। इस बैठक में सबसे प्रमुख एवं अहम विषय वर्तमान में चल रही अचार संहिता के चलते राजा दशहरा को पुरे उत्साह, उमंग एवं पूजा- अर्चना के साथ मनाने पर किया गया। बैठक में उपस्थित तहसीलदार खोमन ध्रुव ने सभी उपस्थित जनों से कहा कि अचार संहिता जरूर लगी हुई है परन्तु हमें फिंगेश्वर का प्रसिद्ध एवं मौली माता के प्रति आस्था का यह त्यौहार शासन के द्वारा दिए गए निर्देशों का निर्वाहन करते हुये उत्साह पूर्वक मनाना है।जो आप सभी के सहयोग से ही होगा नए पदस्थ थाना प्रभारी जितेंद्र विजयवार ने कहा कि हमने फिंगेश्वर राजा दशहरा के बारे में काफी सुना है,और चाहते हैं कि अपनी ख्याति के अनुकुल ही राजा दशहरा मनाया जायें।इसके लिए आपके सहयोग से व्यवस्था बनानी होगी।बैठक का संचालन कर रहें पूर्व सरपंच बिसौहा हरित ने कहा कि फिंगेश्वर के राजा दशहरा की सबको प्रतिक्षा रहती है।मां मौली माता कारण के प्रति आस्था के चलते पूरे अंचल से श्रद्धालु आते है।इसमें राजा साहब की सवारी सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होती है।जो कि देर रात से अल सुबह तक होती है| आचार संहिता के चलते यह कैसे संभव है।बैठक में उपस्थित ओमप्रकाश बंछोर,यदुनंदन श्रीवास,अनिल चंद्राकर,शरद चतुर्वेदी ने राजा दशहरा में रात भर चलने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के बारे में ज़िक्र किया तो व्यापारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा,चंद्रमणि चंद्राकर,नत्थु कश्यप ने दशहरा मेले में आने वाले छोटे छोटे व्यापारियों की दुकाने रात भर संचालित होने की बात कही।सभी की बातें एवं प्रशासन की गाइड लाइन के चलते बैठक में राजा दशहरा को पूरी आन बान शान से सफलता पूर्वक मनाने निर्णय लिया गया कि दशहरा का पर्व रात्रि में लगभग 10 बजे तक पुरे उत्साह से मनाने सभी आयोजन इस वर्ष समय पूर्व यानी जल्दी प्रारंभ किए जावे।दशहरा के लिए आयोजित सभी जगह के सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम 4 से 5 बजे शुरू किए जायें।राजा साहब की सवारी जो राजा दशहरा का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है वह भी इस वर्ष राजमहल से 8 बजे के आसपास निकलकर नगर भ्रमण कर विजयी जुलुम के रूप में 10 बजे तक वापस राजमहल लौट जाये।10 बजे उपरांत अगर अति आवश्यक हो तो कुछ देर तक बिना लाउड स्पीकर के उपयोग के कार्यक्रमो को समेटने का प्रयास किया जावे।सभी का यह मत था कि समय सीमा की बाध्यता में ज्यादा सख्ती न कर प्रशासन सहयोग करें। बैठक के अंत में राजा नीलेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि इन स्थितियों में यह आंशंका थी आचार संहिता के चलते कैसे राजा दशहरा होगा | परन्तु आप सभी के सहयोग एवं प्रशासन के प्रतिनिधी के रूप में उपस्थित तहसीलदार एवं थाना प्रभारी के विचारों एंव नियम से इस बाआर का राजा दशहरा मनाने का जो निर्णयहुआ है, वह स्वागत योग्य है।/हमारा प्रयास होगा कि हम व्यवस्था के अनुकूल राजा दशहरा उत्साह पूर्वक मनाये।तहसीलदार खुमान ध्रुव एवं थाना प्रभारी जितेंद्र विजयवार ने कहा कि प्रशासन भी आचार संहिता के चलते आस्था एवं अर्चना के उत्सव फिंगेश्वर के राजा दशहरा को मनाने दुविधा में था परंतु आप सभी ने जिस सहजता से राजा दशहरा मनाने का निर्णय लिया है वह काफ़ी प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है।आप लोग निश्चिंत रहे हम सब मिलकर फिंगेश्वर का प्रसिद्ध राजा दशहरा को पूरे उत्साह उमंग से मनाने सफल होंगे।उन्होंने सभी उपस्थित जनों के प्रति आभार व्यक्त किया।