खेती-किसानी के चलते चुनावी माहौल पर नहीं चढ़ रहा रंग

                                                                                                                                                                                                                                                                                            फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। इस ग्राम्यांचल के किसान धान की लुआई में जोर शोर से जुट गए है। सरकार ने 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करना भी शुरू कर दिया है। किंतु किसान अभी अपना धान बेचने ज्यादा संख्या में नहीं आ रहे है। अभी किसानों के उपज में नमी है। नमी मापक यंत्र में नमी मापन किया जाता है। नमी ज्यादा होने पर किसानों का धान नहीं खरीदा जाता। इसलिए किसान अभी सरकारी धान खरीदी केन्द्रों पर ज्यादा मात्रा में नहीं पहुंच रहे है। एक हफ्ता 10 दिन के बाद किसानों की संख्या बढ़ेगी। अंचल के सभी सेवा सहकारी समिति धान खरीदी की जा रही है। धान खरीदी का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। चूंकि यह चुनावी वष है। लिहाजा धान खरीदी केन्द्रों पर पहुंचने वाले किसानों को धान बेचने में सुविधा हो इसलिए शासन तंत्र ने माकूल व्यवस्था कर ली है। सोसायटी के कर्मचारी धान बेचने के लिए आने वाले किसानों की सहूलियतों का पूरा ध्यान रख रहे है। चुनाव के लिहाज से कांग्रेस कर्जमाफी की घोषणा कर चुका है। किसानों के जेहन में यह बात ठीक ढंग से बैठ भी चुकी है। अब किसान भाजपा के घोषणा पत्र का इंतजार कर रहे है। भाजपा की घोषणा पत्र में कुछ बड़ी ऐलान होने का किसानों को है। उम्मीद है भाजपा के घोषणा पत्र में खुशहाली और बड़ी तरक्की की घोषणा का वादा किसानों को मिलेगा। पिछले चुनाव में धान ने बड़ा फैक्टर निभाया था। इस बार भी किसानों को लेकर विभिन्न राजनैतिक दल बड़ी घोषणा कर सकते है। बहरहाल के किसान राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहकर खेती किसानी में ज्यादा ध्यान दे रहे है। यहां तक श्रमिक भी खेती-बाड़ी के काम में व्यस्त है। इस महीने धान खरीदी हो जाने के बाद किसान और श्रमिक फ्री हो जाएंगे। किसानों की व्यवस्तता के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव का माहौल ज्यादा दिख नहीं रहा है। किसानों का पूरा ध्यान लुआई और धान की बिक्री पर है। साथ ही किसान नेता यह भी देख रहे है कि भाजपा कांग्रेस सहित अन्य राष्ट्रीय दलों की घोषणाओं में उनके लिए क्या ऐलान किया जाता है। गांव गांव में हार्वेस्टर और ट्रैक्टरों की चलने का दौर दुरूस्त गति से जारी हो चुका है।
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