नगर में गूंजने लगा है लाली-गुलाली और तरी-नरी ना-ना के स्वर

फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)  -फिंगेश्वर नगर सहित गांव गांव में दीपावली त्यौहार के नजदीक आते ही अंचल में साफ-सफाई शुरू हो गयी है। बाजार में अभी रंग-रोगन, पेंट इत्यादि की खरीदी-बिक्री हो रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ की परंपरा      को घर-घर पहुंचाने ग्रामीण क्षेत्रों से बालिकाओं की टोली सुआ नाचने शहर में पहुंच रही है और लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करने लगे है। लाली-गुलाली छितत आएव कहते हुए घर में प्रवेश करते बच्चे सुआ नृत्य के बाद आशीष देते हुए जब घर से जाते है तो बरबस ही लोगों के चेहरे में मुस्कान के भाव तैर जाते है। देखा जाए तो इस छत्तीसगढ़ परंपरा को छोटे बच्चों द्वारा ही संजोकर रखा जा रहा है। एक समय था जब ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाएं झूंडो में घर घर जाकर सुआ नृत्य करती थी किंतु अब महिलाओं की टोली कम संख्या में दिखाई देती है। वह भी लक्ष्मी पूजन के एक-दो दिन पहले लेकिन छोटे छोटे बच्चे सप्ताह भर पूर्व से ही सुआ नृत्य के माध्यम से दीपावली त्यौहार का माहौल बनाने लग गए है।

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