भूपेश बघेल अब होंगे दुबई के रिमोट से संचालित:केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

सब गन्दा हैं पर धंधा हैं ऐ:

प्रकाश कुमार यादव
नई दिल्ली(गंगा प्रकाश)।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के बीच महादेव ऐप मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम आने से भारतीय जनता पार्टी अब कांग्रेस पर हमलावर हो चुकी है। भाजपा ने तथाकथित भ्रष्टाचार के मामले को चुनावी मुद्दा बना लिया है और लगातार कांग्रेस को घेरे हुए है।भाजपा का कहाना हैं कि कांग्रेस आज ये प्रमाण दे रही है कि भ्रष्टाचार में उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता, अब जुए में नया कीर्तिमान बना दिया है।
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के स्वरूप सामने आ रहे हैं। कांग्रेस उदाहरण दे रही है कि करप्शन के मामले में नए तरीके इजाद करने हों या रिकॉर्ड कायम करने हों, इस पार्टी की बराबरी कोई नहीं कर सकता है। शायद जिस तरह से नए तरीके भ्रष्टाचार के छत्तीसगढ़ और कांग्रेस इजाद कर रही है, नटवरलाल को भी मात होती हुई दिखाई दे रही है।
महादेव सट्टेबाजी एप मामले में एक वायरल वीडियो को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। मामले में भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को घेरने में लगी हुई है। दुबई से वायरल हुए इस वीडियो में शुभम नाम का एक व्यक्ति दावा करते हुए अपने आप को महादेव बुक एप का ऑनर बता रहा है। इतना ही नहीं वह सट्टेबाजी के पैसे के लेन-देन को लेकर सीएम के राजनीतिक सलाहकार और सीएम पर आरोप लगा रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रदेश में जमकर हंगामा मचा हुआ है। इस केस को लेकर जहां भाजपा ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं तो वहीं सीएम भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।भाजपा ने  महादेव एप के सूत्रधार शुभम सोनी के वीडियो को दिखाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला है।भाजपा ने कहा कि जब मेड़ ही खेत खाने लगे तो बेचारा खेत (जनता) क्या कर सकता है। दुबई में बैठा आरोपी स्वयं वीडियो भेजकर महादेव एप की सारी कथा सुनाते हुए बता रहा है कि महादेव एप के तार कहां-कहां और किस-किस तक जुड़े हुए है। उसने स्पष्ट तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, मुख्यमंत्री के बेटे बिट्टू, एक पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल और स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस सिंडिकेट में शामिल बताया है। भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री के पद पर तीस दिन तो क्या एक मिनट भी बैठने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।तो वंही दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार (5 नवंबर) को महादेव सट्टेबाजी ऐप को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला किया और कहा कि वह अब दुबई के रिमोट कंट्रोल से संचालित होंगे। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए स्मृति ने कहा कि कांग्रेस ने शराबबंदी का अपना वादा पूरा न करके छत्तीसगढ़ की महिलाओं को धोखा दिया है।

क्या कहा मंत्री स्मृति ईरानी ने?

केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा कि ”मैं हैरान हूं।मुझे नहीं पता था कि सत्ता पाने की लालसा के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब दुबई के रिमोट कंट्रोल से संचालित होंगे।अब तक तो यही कहा जाता था कि रिमोट इटली का है, पर अब पता चला है कि एक रिमोट दुबई में भी पड़ा है।टनाटन फोन आता है, दनादन आदमी भागता है और करोड़ों रुपये के साथ पकड़ा जाता है,स्मृति महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई और एक व्यक्ति की गिरफ्तारी का जिक्र कर रही थीं।ईडी ने शुक्रवार को दावा किया था कि फॉरेंसिक विश्लेषण और एक ‘कैश कूरियर’ की तरफ से दिए गए बयान से ‘चौंकाने वाले आरोप’ सामने आए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रवर्तकों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है। कथित एजेंट 38 वर्षीय असीम दास को एजेंसी ने रायपुर में गिरफ्तार किया था और उसके पास से 5.39 करोड़ रुपये नकद बरामद किया था।

कांग्रेस सरकार ने पूरे छत्तीसगढ़ की महिलाओं को धोखा दिया- स्मृति ईरानी

स्मृति ने कहा, ”कांग्रेस सरकार ने न सिर्फ कोंडागांव, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की महिलाओं को धोखा दिया है।कांग्रेस ने (2018 में) घर-घर जाकर महिलाओं से वादा किया था कि वह राज्य को नशा मुक्त बनाएगी और शराब पर प्रतिबंध लगाएगी’ उन्होंने आरोप लगाया, ”कांग्रेस नेता प्रदेश की भोली-भाली महिलाओं से झूठे वादे करके सत्ता में आए… शराब पर प्रतिबंध लगाने के बजाय कांग्रेस नेताओं ने शराब घोटाला कर 2,000 करोड़ रुपये लूटे और अपनी तिजोरियां भरीं।

महादेव बेटिंग ऐप पर स्टिंग में हुए बड़े खुलासे, भारत में 100 से ज्यादा ब्रांच

बताते चलें किछत्तीसगढ़ वह राज्य है, जहां से महादेव बुक ऐप की शुरुआत हुई थी,इसका नेटवर्क अभी भी बहुत सक्रिय है।महादेव बेटिंग ऐप के एक्टिव सदस्य शोभित गुप्ता ने कहा कि बेटिंग ऐप की पूरे भारत (लमें 100 से ज्यादा ब्रांच हैं। उसने कहा कि ये बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म है, इसमें एक से लेकर 500 तक ब्रांच हैं,बॉलीवुड के बाद अब राजनीतिक गलियारों से महादेव बेटिंग ऐप घोटाले के तार जुड़ने के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में संग्राम छिड़ गया है।जांच छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल तक पहुंच गई है,जांच एजेंसी सीएम बघेल को 508 करोड़ रुपये देने की जांच कर रही है, ईडी के दावों के बाद सियासत गरमाई हुई है। विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी हमलावर है। पीएम मोदी ने भी छत्तीसगढ़ के दुर्ग में चुनावी रैली की, तो महादेव बेटिंग ऐप का जिक्र कर भूपेश बघेल और कांग्रेस पर हमला बोल दिया, इस बीच आजतक के एक स्टिंग ने महादेव बेटिंग ऐप से जुड़ी कई और बातों का पर्दाफाश किया है।

क्या है महादेव बेटिंग ऐप?

महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया ऐप है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे।ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था।दरअसल, महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलता था. हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। यूजर को सिर्फ शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता. फायदे का 80% हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है, जिसमें एल्गोरिदम यह तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30% ग्राहक ही जीतें।

छत्तीसगढ़ से शुरू हुआ महादेव बेटिंग एप

छत्तीसगढ़ वह राज्य है, जहां से महादेव बुक ऐप की शुरुआत हुई थी।इसका नेटवर्क अभी भी बहुत सक्रिय है। महादेव बेटिंग ऐप के एक्टिव सदस्य शोभित गुप्ता ने कहा कि बेटिंग ऐप की पूरे भारत में 100 से ज्यादा ब्रांच हैं।उसने कहा कि ये बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म है, इसमें एक से लेकर 500 तक ब्रांच हैं, इन 500 ब्रांचों को 500 लोग चलते हैं, इन 500 लोगों के नीचे भी कई लोग काम करते हैं। हर ब्रांच का ‘लॉगिन आईडी’ एक ही व्यक्ति को दिया जाता है. ऐप लॉगिन और पासवर्ड फ्रेंचाइजी को सौंप दिए जाते हैं, उन्हें बस कुछ लैपटॉप और मोबाइल फोन की जरूरत होती है।इस तरह ये ऐप काम करता है।

स्टिंग ऑपरेशन में बेटिंग एप से जुड़े एजेंट शोभित ने किए ये खुलासे

मीडिया- क्या एक ब्रांच में सिर्फ एक लॉगिन आईडी और पासवर्ड की जरूरत होती है,

शोभित- हां, एक ब्रांच के लिए चार अंकों का व्हाट्सएप पासवर्ड जरूरी होता है।

मीडिया- ये 7 व्यक्ति कहां काम करते हैं?”

शोभित – वे किसी भी स्थान से काम कर सकते हैं

मीडिया- क्या वे घर से काम कर सकते हैं?

शोभित गुप्ता – वे घर से काम नहीं कर सकते. घर पर वाई-फाई लगाने से पुलिस का ध्यान आकर्षित होगा।यही कारण है कि हम उन स्थानों को चुनते हैं जहां हम कम परिचित होते हैं, आमतौर पर नए क्षेत्रों में काम करते हैं।जांच से बचने के लिए बैंक खातों का एक नेटवर्क है।ऐप के सदस्य छोटे किसानों या मजदूरों के खातों को हैक कर लेते हैं।उन्हें सट्टेबाजी लेनदेन के लिए उपयोग करते हैं और बाद में बंद कर देते हैं।

मीडिया- क्या आपने किसी का अकाउंट लिया ?

शोभित- हां, हम किसी से भी अकाउंट ले लेते हैं।इसके एवज में हम उन्हें 5-10 हजार रुपये देते हैं और बदले में वे हमें अकाउंट दे देते हैं।तीन महीने तक इसका इस्तेमाल करने के बाद हम अकाउंट बदल देते हैं।

मीडिया- इन मोबाइल नंबरों का क्या करते हैं?

शोभित- ये सभी फर्जी नंबर होते हैं।

मीडिया- जो अकाउंट खोले जाते हैं, उनके लिए अपना नंबर देते हैं, कस्टमर का नंबर नहीं होता?

शोभित– हमने कस्टमर्स पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. अकाउंट खोलने के लिए हमें सिर्फ उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड की जरूरत थी।

मीडिया- तो फिर बैंक अकाउंट कैसे खोल देता हैं?

शोभित- अगर बैंक में कनेक्शन है, तो पूरे आसानी से अकाउंट खुल जाता है।

शोभित – यह कैसीनो के आकर्षण की तरह है. ये ऐसा खेल हैं, जहां आप 100 रुपये से 1200 रुपये जीत सकते हैं। उदाहरण के लिए आप अनुमान लगाते हैं कि नंबर 2 आएगा, तो आप 1200 रुपये जीत सकते हैं. हालांकि, नंबर 2 A से K के बीच सिर्फ एक है, जिससे जीतने की संभावना नहीं है,अगर आप एक घंटे तक लगातार खेलते हैं, तो आप हार जाएंगे और जीरो पर आ जाएंगे,कैसिनो को इसी तरह डिज़ाइन किया गया है।

मीडिया- सेटिंग्स ऐसी हैं कि नंबर 2 नहीं आएगा?”

शोभित- हां, इसका रेशो 70-30 है, जिसमें हाउस को 70% का फायदा है और खिलाड़ी को 30% का फायदा है।

मीडिया- 70-30 अनुपात का क्या मतलब है?”

शोभित गुप्ता- इसका मतलब ये है कि चाहे आप कुछ भी करें, प्रोग्राम किए गए रिजल्ट नहीं बदलेंगे।

हिमांशु तिवारी का बेटिंग ऐप में क्या है रोल?

महादेव बुक ऐप चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हिमांशु तिवारी ने खुलासा किया कि अधिकांश ग्राहक अपना पैसा हार जाते हैं।

मीडिया- आप कितने फीसदी लोगों को जीतने देते हैं और कितने प्रतिशत लोगों को हराते हैं?

हिमांशु तिवारी- 100 में से 10 या 5 लोग ही जीतते हैं. यह किस्मत की बात है. वे शुरू में जीत सकते हैं और फिर हारते ही हैं.

मीडिया- क्या वे शुरू में जीतते हैं?

हिमांशु तिवारी- हां.

मीडिया- उसके बाद क्या होता है? क्या इसमें कोई हेरफेर शामिल है?

हिमांशु तिवारी- यह ऊपरी स्तर से तय होता है,इसके बाद हिमांशु ने खुलासा किया कि कैसे पुलिस की छापेमारी भी सट्टेबाजी ऐप के संचालन को रोकने में विफल रही है,उसने बताया कि पुलिस की छापेमारी हुई है, लेकिन हमारा ऐप आज भी चल रहा है।

ईडी ने क्या दावा किया?

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2 नवंबर को रायपुर में महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े एक कैश कूरियर से 5.39 करोड़ कैश जब्त किया था, ईडी का दावा है कि यह पैसा कांग्रेस के चुनाव अभियान के लिए था और विशेष रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए था. जांच एजेंसी का आरोप है कि बघेल को ऐप प्रमोटर्स से अब तक 500 करोड़ से ज्यादा मिल चुके हैं, हालांकि उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। सीएम बघेल ने कहा कि मुझे बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पर कीचड़ उछलने के बाद रायपुर पुलिस की सफाई, बताया महादेव सट्टा एप को प्ले स्टोर से हटवाया, अब तक कीं 36 FIR

महादेव सट्‌टा एप को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कीचड़ उछलने के बाद रायपुर पुलिस सफाई दे रही है। दुबई से संचालित होने वाले महादेव सट्टा एप को लेकर जब छत्तीसगढ़ में लगातार ED की कार्यवाही जारी है और राज्य के मुख्यमंत्री तक आरोपों के घेरे में आ चुके हैं। ऐसे में पुलिस ने अहम जानकारी साझा की है। एक सटोरिए ने रायपुर के एसपी का भी नाम लिया है। इसके बाद पुलिस ने जानकारी दी कि उसने महादेव सट्टा एप को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की।रायपुर पुलिस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया है कि महादेव बेटिंग एप पर कार्यवाही करते हुए वर्ष 2022 में Google को correspondence किया गया था कि playstore से Mahadev Book App को हटाया जाये, जिसके पश्चात् playstore से यह App हट गया था।दुबई से ऑपरेट कर रहे महादेव ऐप्प के मुख्य दोनों संचालकों, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को रायपुर पुलिस ने अपने यहाँ दर्ज प्रकरण में आरोपी बनाया और जून महीने में ही इन दोनों आरोपियों के विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर भी रायपुर पुलिस द्वारा जारी करवाया गया है।
महादेव एप के विरुद्ध रायपुर पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही की गई है। महादेव एप के विरुद्ध रायपुर पुलिस ने 36 FIR की हैं। रायपुर पुलिस ने छत्तीसगढ़ के अलावा कटनी, अनूपपुर, विशाखापटनम, उड़ीसा, दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र इत्यादि प्रदेशों/शहरों में भी रेड कार्यवाही करते हुए वहाँ के पैनल ऑपरेटर्स को भी पकड़ा है। 235 आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। सैकड़ों मोबाइल लैपटॉप जप्त किए हैं, 500 से अधिक एकाउंट्स फ्रीज़ कराये हैं।बता दें कि बीते दिनों ईडी ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महादेव अप के संचालकों ने 508 करोड रुपए अब तक दिए हैं। इसके बाद रायपुर पुलिस को महादेव एप के विरुद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी देनी पड़ रही है।

भूपेश बघेल इस्तीफा दें’

भाजपा केन्द्रीय मीडिया संयोजक सिध्दार्थनाथ सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल फौरन मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर जनता के बीच जाएं और बताएं कि यह जो शुरुआती 5000 करोड़ का महादेव एप घोटाला है जिसके जरिये छत्तीसगढ़ की जनता को लूटा गया है और इतना ही नहीं शुभम को दुबई भेजकर सट्टे का कारोबार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। यह स्पष्ट हो चुका है कि सत्ता के संरक्षण में महादेव एप ने जन्म लिया और फला-फूला है। शुभम सोनी है वह व्यक्ति है जिसको ईडी ने समन भी किया था वह आया नहीं था मगर उसने एक अपना वीडियो भेजा है, यह अनकट है। इसलिए मीडिया के इसे पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महादेव एप का वन ऑफ द ओनर जो कह रहा है उससे कुछ चीज साफ होती है। शुभम सोनी सिंडिकेट ऑपरेट कर रहा था। इस सिंडिकेट का पॉलिटिकल माध्यम क्या था, इस सिंडिकेट का या पॉइंट ऑफ कांटेक्ट क्या था उन्होंने बार-बार वर्मा का नाम लिया है जो कि आप सब जानते हैं। वीडियो में सौरभ चंद्राकर का भी नाम है’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कवर्धा का एक एसपी है उनका नाम है अभिषेक। पुलिस वाले किस तरह से चैनल चलाते हैं। सौरभ चंद्राकर का भी नाम है। आरोपी खुद बता रहा है कि रुपए एठने की शुरुआत 10 लाख रुपए से हुई उसे मुख्यमंत्री से मिलवाते हैं, वर्मा से मिलवाते हैं। चंद्राकर और रवि उप्पल से उसकी भेंट हो जाती है उसके साथ वह बिजनेस करता है उनको अपना एडवाइजर रख लेता है, वे कौन लोग हैं? ये जांच का विषय है।


सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर किया पलवटवार

मामले में सीएम भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर लिखा कि ‘आज कुछ समाचार चैनलों ने एक वीडियो दिखाया है जिसमें एक व्यक्ति यह दावा कर रहा है कि वह मुझसे मिला और मैंने उसे संरक्षण देने का आश्वासन दिया और उसे दुबई जाकर व्यवसाय करने का भी सुझाव दिया। मुझे आश्चर्य है कि एक अनजान व्यक्ति के बयान को सभी जिम्मेदार टीवी चैनल किस आधार पर चला रहे हैं? सिर्फ इस आधार पर कि इसमें मेरा नाम है? क्या यह मानहानि का मामला नहीं है? यह कोई रहस्य नहीं है कि ये वीडियो क्यों आया है और कैसे आया है और यह भी समझना कठिन नहीं है कि ऐन चुनाव के वक्त ऐसा बयान भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए ही जारी किया गया है। यह भी हर कोई समझ रहा है कि ईडी को हथियार बनाकर ही ऐसा किया जा रहा है। दरअसल भाजपा अब ईडी के सहारे ही चुनाव लड़ रही है और मुझे बदनाम करने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रही है। पहली बात तो यह कि मैं इस व्यक्ति को नहीं जानता और न मैं कभी इससे उस तरह मिला हूं, जैसा कि वह दावा कर रहा है। वह किसी सभा समारोह का हिस्सा रहा हो तो मैं नहीं कह सकता। दूसरी बात यह है कि यह व्यक्ति दावा कर रहा है कि वह ‘महादेव ऐप’ का मालिक है। आश्चर्य की बात है कि यह बात महीनों से इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ईडी को भी अभी तक पता नहीं थी और दो दिन पहले तक ईडी उसे मैनेजर बता रही थी।  छत्तीसगढ़ की जनता सब जान-समझ रही है। वह भाजपा और उसकी सहयोगी ईडी को चुनाव में करारा जवाब देगी।’
सीएम ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि ‘आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आया और उसने ‘महादेव ऐप’ पर बैन लगाने का फ़ैसला किया। मैं कई महीनों से सवाल पूछ रहा हूं कि सट्टा खिलाने वाले इस ऐप पर केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं रही है। मैंने तो यहां तक कहा था कि शायद 28 प्रतिशत जीएसटी के लालच में प्रतिबंध नहीं लग रहा है या फिर भाजपा का ऐप संचालकों से लेन-देन हो गया है। आश्चर्य है कि ईडी महीनों से इस मामले की जांच कर रही है और फिर भी ऐप का संचालन लगातार होता रहा अब केंद्र सरकार को होश आ ही गया है तो अच्छा है कि इस ऐप के संचालकों को भी दुबई से यथाशीघ्र गिरफ़्तार कर भारत लाया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट नोटिस जारी किया था। उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस भी रिमांड में लेकर पूछताछ करना चाहेगी क्योंकि यहां तो सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज हुए हैं।

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