सावित्री और कुकरेजा हुए बागी किसे मिलेगा फायदा ? क्या सबक सिखाने एकजुट हुआ सिंधी और गुजराती समाज ??

रायपुर (गंगा प्रकाश)।विधानसभा चुनाव में रायपुर जिले के सात सीटों के लिए कुल 250 नामांकन दाखिल हुआ है। जिलान्तर्गत रायपुर दक्षिण, रायपुर पक्षिम, रायपुर ग्रामीण, रायपुर उत्तर, अभनपुर, आरंग, धरसींवा शामिल है जहाँ अभ्यर्थियों ने चुनावी ताकत दिखाया है। इनमे अभनपुर, आरंग, धरसींवा के अतिरिक्त अन्य चारो सीटों पर सबकी नजरे रहेगी। नामांकन के अंतिम दिन रायपुर उत्तर सीट से सावित्री जगत और अजीत कुकरेजा ने निर्दलीय परचा भरा है, दोनों ही बीजेपी और कांग्रेस से टिकट के दावेदार थे पर बीजेपी और कांग्रेस ने अन्य उम्मीदवारों को महत्व दिया। जिसके बाद दोनों ने बगावत करते हुए शक्ति प्रदर्शन करते हुए निर्दलीय नामांकन भरा है।
बीजेपी से पुरंदर मिश्रा, कांग्रेस से कुलदीप जुनेजा का मुकाबला इनसे होगा, अब सबकी निगाहे नाम वापसी पर तिकी हुई है। सावित्री और अजीत अगर नाम वापसी नहीं लेते तो चुनाव रोचक होगा। उत्तर विधानसभा में गुजराती और सिंधी समाज के मतदाताओं की संख्या निर्णायक है, ऐसे में दोनों ही समाज ने टिकट की मांग की थी पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इनकी अनदेखी की है।
चर्चा है कि दोनों की समाज के लोगो ने सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टी को अपनी ताकत का अहसास कराने एकजुट हो गए है। बीजेपी से चार दावेदार थे जिन्हे बाईपास कर बसना निवासी पुरंदर मिश्रा पर बीजेपी ने भरोसा जताया था। उधर सावित्री को चुनाव मैदान में कुछ अदृश्य शक्तियों का समर्थन मिला है, जो उनके लिए साधन- संसाधन जुटाने में जुटे है तो कुकरेजा को उम्मीदवार बनाने सिंधी समाज एकजुट हुआ ह। अजीत कुकरेजा तीन बार से पार्षद है और उनका मौजूदा विधायक कुलदीप जुनेजा से बहुत अच्छे संबंध नहीं है। जुनेजा और अजीत के बीच इससे पूर्व सार्वजनिक रूप से बहस और तू तू-मै मै हो चुकी है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार दोनों में से कोई एक उम्मीदवार चुनावी मैदान में रूककर बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार को टक्कर देगा।

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