
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। नहर में पानी बंद होते ही मछुआरों की टोली सड़क पर उतर आई है। मछली पकड़ने मछुआरे नहर ममें सुराख भी लगा रहे है। क्योंकि नहर में पानी बंद होते ही मछलियॉ नहरों की दीवारों की छेद में चली जाती है। इनको पकड़ने मछुवारे नहर की दीवारों को छेड़छाड़ करने से गुरेज नहीं कर रहे है। इससे नह क्षतिग्रस्त हो रहा है। इससे सिंचाई विभाग को कोई सरोकार नहीं है। गौरतलब है कि 1 नवंबर से नहर की धार पूरी तरह बंद हो गई है। नहर के निचली सतहों में ही पानी जमा है। वहीं माइनर नहर में पानी पूरी तहर से बंद है। पानी बंद होते ही मछुआरे मछली पकड़ने सक्रिय हो गए है। जहां-जहां नहर में कहीं छेद है वहां वहां मछली होने की आशंका में मछुआरे नहर की दीवार से छेडछाड़ कर रहे है। मछली मिले या न मिले पर नहरों को जरूर क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। हालांकि मछुआरों को नहर में बड़ी तादात में मछली मिल भी रही है। जिसके चलते वे ऐसी हरकत कर रहे है। कहीं-कहीं नहर में जाल लगाकर मछली पकड़ रहे है। लेकिन सबसे अधिक जर्जर नहरों में मछली अधिक मिल रही है। जिसे देखते हुए छेड़छाड़ की जा रही है।