
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। विधानसभा चुनाव के चलते प्रत्याशी गांव गांव में चुनाव प्रचार के लिए पहुंच रहे है। किन्तु दिनभर ग्रामीण किसान इन दिनों धान कटाई में मस्त है इसलिए गांवो में लोगों के न मिलने से प्रत्याशी मायूस है। दिनभर मतदाताओं के न मिलने से प्रत्याशी देर रात गांव पहुंच रहे है। एक ओर चहुंओर विधानसभा चुनाव पूरी तरह से शबाब पर है। प्रत्याशी घर घर वोट मांगने पूरी ताकत झोंक रहे है। वहीं खासकर किसानों को चुनावी शोर से कोई सरोकार नहीं है। वे तो फसल कटाई के कार्य में मशगूल हो चले है। किसान फसल कटाई के कार्य में जुट गए है। 50 फीसदी किसानों का धान पककर तैयार है। जो फसल कटाई करने खेतों की ओर रूख कर रहे है। ऐसे में प्रत्याशियों को गांव की गलियों में लोग नहीं मिल पा रहे है। जिससे प्रत्याशियों को गांव में लोग नहीं मिल पा रहे है। गौरतलब है कि फसल कटाई का दौर शुरू हो चुका है। किसान अब फसल काटने के लिए सुबह से लेकर शाम तक खेतों में ही डटे है। अधिकतर किसान हाथों से फसल कटाई कर रहे है तो वहीं अधिकतम किसान हार्वेस्टर के माध्यम से फसल कटाई कर रहे है। हालांकि 50 फीसदी धान की फसल अभी पकी नहीं है। जिसके चलते अधिकतर रकबे तक हार्वेस्टर मशीन नहीं पहुंच पा रही है। जिससे किसान हाथों से ही कटाई कर रहे है। दोनों ही बड़ी पार्टियॉ धान का पैसा देने के लिए घोषणा ऊपर घोषणा कर रहे है। कोई 3100 रू. क्विंटल धान खरीदने की बात कर रहा है तो कोई 3200 रू. प्रति क्विंटल। ऐसे में किसान अपना एक एक बीज सहेजनें में जुटे हुए है। किसान चाह रहा है कि उसका पाई पाई सोसायटी में बिके और उसका पूरा धान सरकार के समर्थन मूल्य में बिके। जिसे लेकर किसानों का पूरा फोकस फसल समेटने को लेकर है। अभी फिलहाल उन्हें चुनाव से कोई सरोकार नहीं है। फसल समेटने के बाद वे चुनाव की ओर फोकस करेंगे।