विशेष पिछड़ी कमार जनजाति स्कूली बच्चों की जान जोखिम में

छुरा (गंगा प्रकाश)।छुरा विकास खंड के ग्राम पंचायत द्वारतरा के आश्रित ग्राम कमारपारा में आदिवासी कमार भूजिया जनजाति के लोग निवास रत है जहां कमारों की हालत आज भी खराब है ग्राम के एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला फूलबाई चला रही है अपने और अपने परिवार के बेटा दिव्यांग समित कमार और तीन छोटी छोटी बच्चियों की भरण पोषण गत वर्ष पहले समिति की सड़क दुर्घटना में उनके दोनों पैर कट जाने से समित दिब्यांग हो गया जिससे उनके पत्नी घर परिवार को छोड़कर चली गई और कुछ समय बाद उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई है।और परिवार में बुजुर्ग महिला हि परिवार का भरण पोषण कर रही है। समित कमार सहित उनके बच्चों का जीवन अंधेरे में हो गया है जिसके चलते बड़ा बेटा रामकुमार 5 वी की पढ़ाई कर छोड़ने को मजबूर हो गए और तोमेश्वरी और झरोखा दोनों बहनों के जीवन में भी आने लगी अनेकों परेशानियां छोटी सी उम्र में घर की जिम्मेदारी ,बूढी दादी अपने परिवार चलाने के लिए कर रही है संघर्ष बच्चों के पिता समित दिव्यांग हो चुके हैं। शासन द्वारा दिये जाने योजना से वंचित हो रहे हैं न तो रहने के लिए आवास है और नहीं पहनें को कपड़ा राशनकार्ड से चावल मिलता है जिससे पेट भरा जा रहा है रहने को ठीक से आवास नहीं है। बच्चे की भविष्य अंधेरे में हो गया है। जिसकी जानकारी मिलते ही स्पॉन्सरशिप योजना की जानकारी देने पहुंचे जिले के इंडियन रेड क्रॉस संरक्षक सदस्य समाजसेवी मनोज पटेल रोशन देवांगन ने शुध लेने घर पहुंचे और जब मोहल्ला के लोगों ने बताया कि घर जर्जर हो चुका है तो बच्चों की जान के खतरे को देखते हुए उनके घर को पूरी तरह से देखकर टूटने की स्थिति को भी देखा और बच्चों की जान जोखिम होने के कारण तत्काल विशेष पिछड़ी कमार जनजाति गरीब परिवार को मदद दिलाने शासन प्रशासन से अपील किया।

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