
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। दीवाली की खुमारी एवं चुनाव का जोश खत्म होने के बाद अब गांवो में सभी तरफ धान कटाई, मिजाई और बेचने का दौर तेजी से प्रारंभ हो गया है। पूरे ग्राम्यांचल क्षेत्र में धान कटाई का काम जोर पकड़ने लगा है। धान के साथ अब हाइब्रिड एमएमटी धान देर से पकाने वाले धान की कटाई भी शुरू हो गई है किसान सुबह से शाम तक खेतो में नजर आने लगे है। गांव में अधिकांश किसान देर से पकने वाले धान स्वर्णा धान की बोवाई करते है। वहीं कुछ गांव में जहां सिंचाई नहर से होती है तथा स्वयं के सिंचाई का साधन है ऐसे किसान समय से पहले ही धान की बोआई पूरी कर लेते है। इन फसलों की कटाई अब शुरू हो गई है। वही देर से पकने वाले धान की कटाई भी गांवो में शुरू हो गई है। पूरे अंचल में धान कटाई का काम जोर पकड़ने लगा है। धान कटाई के बाद किसान ट्रैक्टर या अन्य साधन से फसल को खलिहान तक पहुंचाने में जुटे हुए है। किसान सुबह घर से निकल रहे है तो दिन ढलने के बाद ही घर पहुंच रहे है। किसानों ने बताया कि पौधों के अधिक सुखने से कटाई में देरी आती है। धान पककर तैयार होने के बाद कटाई करना उपयुक्त है। कटाई करने वाले मजदूर के द्वारा प्रत्येक वर्ष मजदूरी बढ़ाई जाने से किसान भारी परेशान है। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि 200-250 सौ रूपए मजदूरी चलने के बाद भी मजदूर नहीं मिल रहे है। किसानों ने बताया कि मजदूर शुरूआत से अपने फसल की कटाई कर लेते है इसके बाद ही दूसरों के खेतों में मजदूरी करने जाते है। वहीं आने वाले समय में मजदूरी और इजाफा होने की संभावना है। वैसे हार्वेस्टर एवं चैन हार्वेस्टर से ही ज्यादा धान कटाई हो रही है। कृषकों को इसमें ज्यादा सहूलियत होती है। धान खेतों से कटकर मिजाई होकर सीधा ट्रेक्टर में गिर जाता है। और टै्रक्टर सीधा धान खरीदी केन्द्र पहुंचा दिया जाता है। इसमें मजदूर भी बहुत कम लगने है। क्षेत्र में ज्यादातर धान कटाई का काम हार्वेस्टर से ही हो रहा है।