फिंगेश्वर नगर में पलारी में लगी भीषण आग लगने से जानवर-चरवाहे की जान बाल बाल बची पेट्रोल पंप भी सुरक्षित रखने में मिली सफलता

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। आज सुबह फिंगेश्वर-राजिम मार्ग में मुख्य सड़क के किनारे पेट्रोल पंप के ठीक पीछे धान कटाई कर रखे गए पैरों के ढेर में एकाएक आग की निकलती लपटों को देखकर हड़कंप मच गया। आग इतनी ज्यादा भी कि पलारी में लगाई गई आग के धुएं से मुख्य सड़क में आगमन लगभग बंद अथवा संकट भरा हो गया। धुओं के कारण आमने सामने से आने जाने वाले वाहनों को देख पाना मुश्किल हो गया। आग की लपटो के चंद कदम पर पेट्रोल पंप एवं एक काफी ज्यादा पावर वाला ट्रांसफार्मर के साथ साथ सामने दूसरा पेट्रोल पंप तथा कुछ रहवासी मकान भी स्थित थे। आग की खबर जैसे ही फैली कि नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी सहित नागरिकों, राहगीरों ने आग में काबू पाने काफी मशक्कत की। धान की पलारी में जब आग लगी तो आसपास कुछ जानवर एवं चरवाहे भी थे जो आग से घिरते नजर आने पर लोगों ने पहले उन्हें बाहर निकाला। आग की भयंकरता का अंदाज इससे निकाला जा सकता है कि आग के धुएं से कुछ समय तक तो पेट्रोल पंप तथा बिजली का ट्रांसफार्मर नजर ही नहीं आ रहा था। चूंकि आग लगने वाले पलारी से दोनो पेट्रोल पंप एवं ट्रांसफार्मर काफी नजदीक थे। इसलिए किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से लोगों में एक बार तो दहशत फैल गई। पेट्रोल पंप को तत्काल बंद कर आनन-फानन में वहां काम करने वाले कर्मचारियों एवं वाहनों को वहां से हटाया गया। वैसे समय रहते आग में काबू पा लिया गया है परंतु इन दिनों धान कटाई के कारण पेट्रोल पंप का आसपास सहित पूरे नगर के चारों तरफ रहवासी इलाकों के पास पैरों का ढेर लगा हुआ है। जहां कभी भी ऐसे कांड की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता। आज जिस पलारी में आग लगी लगाई गई या अचानक अपने आप पैरा जलने लगा यह तो जांच का विषय है परंतु अगर यह किसी की शरारत या किसान द्वारा स्वयं पलारी जलाई गई तो मामला काफी गंभीर है। लगातार शासन द्वारा पलारी न जलाने की अपील, जुर्माना किए जाने के प्रावधान के साथ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश के बाद भी अगर इस घटना को सामान्य मानकर छोड़ दिया गया तो कभी भी गंभीर दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। नगर पंचायत एवं पुलिस एवं राजस्व विभाग से इस मामले की सुक्षमता से जांच कर सख्त कार्यवाही की मांग की गई है ताकि भविष्य में कोई भी पलारी जलाने जैसी गुस्ताखी फिर न करें। प्रशासन द्वारा पलारी (नरई) जलाने पर 2 एकड़ तक 2500 रूपये, 2 से 5 एकड़ तक 5 हजार और 5 एकड़ से अधिक के भूमालिक पर 15 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया जाना है। एसडीएम श्री धनंजय नेताम ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि जनपद पंचायत सीईओ का इस बारे में कहा गया कि है विकासखंड की सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों को पलारी के मामले में स्पष्ट निर्देश दे और पलारी जलाने जमीन स्वामी पर कार्यवाही निश्चित करें। फिंगेश्वर तहसीलदार खोमन धु्रव ने इस मामले में कहा है कि आज जिस खेत में पलारी का पैरा जलने की घटना हुई है उसके भूस्वामी को बुलाकर मामले में कार्यवाही की जावेगी।

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