
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। कोरोना की तरह स्वास की बीमारी का संक्रमण फैसले की जानकारी के बाद बच्चों को निमोनिया की बीमारी से बचाना जरूरी बताया जा रहा है। प्रशासन इस बीमारी के लिए काफी सतर्कता एवं चौकस हो गया है। बच्चों के पालकों को अपने बच्चों पर विशेष ध्यान रखना है। चीन में फैले रहस्यमयी निमोनिया जैसी बीमारी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। इसमें छोटे बच्चों को होने वाली सर्दी, खांसी, बुखार पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर इलाज शुरू करना है। गंभीर होने पर विशेषज्ञ से संपर्क कर चिकित्सा प्रारंभ करने की सलाह दी गई है। इन दिनों चीन में एक रहस्यमयी बीमारी फैलने लगी है जिसमें तेज बुखार फैलने लगी है जिसमें तेज बुखार के साथ फेफड़ा फूल रहा है जो निमोनिया जैसा प्रतीत होता है। वहां इस बीमारी से 8 से 10 हजार बच्चे रोजाना अस्पताल पहुंच रहे है। इसमें खांसी, गले में दर्द व खराश, बुखार, फेफडे़ में सूजन, स्वास नली में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते है। वहां के एक्सपर्ट का कहना है कि यह कोरोना की तरह संक्रमित बीमारी है जो एक शहर से दूसरे शहर में फैल रही है। हालांकि इस मामले में डब्ल्यूएचओ द्वारा जवाब मांगा गया है। कुछ लोग इसे वाकिंग निमोनिया कह रहे है। ये बीमारी बैक्टिरियल इंफेक्शन के जरिए फैल रही है। इस बीमारी को देखते हुए केन्द्र और राज्य सरकार भी अलर्ट है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि चीन में फैले निमोनिया को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है। 0 से 5 वर्ष के बच्चों एवं अन्य को लंबी सर्दी, खांसी होती है तो तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच करवाएं। ऐसे बच्चों को स्क्रिनिंग करना है। सभी शासकीय एवं निजी अस्पतालों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए है। सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ वेन्टिलेटर तैयार रखना है। यदि जरूरत पड़े तो उन्हें भर्ती कराए। उन्होंने बताया कि इसके रोकथाम के उपाय भी गए है। सर्दी, खांसी वाले मरीजों को आइसोलेट करके रखना है। चूंकि यह संक्रामक बीमारी है। इस वजह से पीड़ित बच्चे का तौलिया, रूमाल एवं अन्य चीज अलग रखें। भीड़-भाड़ वाले ईलाकों में जाने से बचें। ठंड से बचाव करके रखें। तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। सर्दी के समय में 5 साल की उम्र के बच्चों में आमतौर पर माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टिरिया का इंफेक्शन होता है। सर्दी के समय में निमोनिया फैलन की दो वजह है। पहला ठंड के समय वातावरण और शरीर का तापतान कम हो जाता है। 8 से 15 डिग्री तक का तापमान बैक्टिरिया के लिए अनुकूल होता है। दूसरा सर्दी में प्रदूषण काफी ज्यादा होता है जिसकी वजह से बैक्टिरिया आसानी से सर्दी में लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है। जिन बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है वह बच्चे ज्यादा संक्रमित होते है। इस तरह यह जरूरी है कि पालक बच्चों को विशेष ध्यान रखें। थोड़ी भी शिकायत होने पर तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लें।