
छुरा (गंगा प्रकाश)। शासकीय कचना धुरवा महाविद्यालय छुरा के एनएसएस इकाई द्वारा ग्राम टेंगनाबासा में चल रही सात दिवसीय विशेष शिविर का तृतीय दिवस के बौधिक सत्र में जिला यूनिसेफ अधिकारी सुश्री चित्रा साहू द्वारा व्यक्तित्व विकास, सुरक्षितपारा, सुरक्षित लईकामन थीम पर चर्चा किये और ग्राम संपर्क अभियान को सफल बनाने के योजनाओं के बारे में जानकारी दिया । साथ ही बच्चों को खेल के माध्यम से प्रश्न उत्तर सेशन किये साथ ही यूनिसेफ जिला समन्वयक गरियाबंद श्री तुलेश्वर साहू ने बाल विवाह, बाल श्रम, पॉक्सो एक्ट के बारे में जागरूक किया । द्वितीय सत्र में सखी वन स्टॉप सेंटर अधिकारी श्रीमति रचना सिन्हा द्वारा महिला हेल्पलाईन, गुड टच बैड टच, साईबर क्राइम , घरेलू हिंसा से संबंधित जानकारी दिया गया और विभिन्न हेल्प लाइन नंबर के बारे में जागरूक किया। बिहान स्व सहायता समूह के दीदी श्रीमति हुलसी ध्रुव एवं श्रीमति एस कुमारी के द्वारा लिंग भेद को कम करने के बारे में चर्चा किया गया। द्वितीय बौद्घिक सत्र में श्री मिथलेश सिन्हा योगाचार्य के द्वारा अष्टांग योग के ऊपर चर्चा किया गया जिसमे उन्होंने . यम : का अर्थ है संयम। यह पाँच हैं – अहिंसा , सत्य , अस्तेयं , ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह।2. नियम : भी पाँच हैं – शौंच – आन्तरिक आरै वाह्य शुद्धि , संतोष , तप , स्वाध्याय और ईश्वरप्राणिधान।3. आसन : स्थिरता और सुखपर्वू क एक ही स्थिति में बहुत देर तक बैठने का नाम आसन है। ध्यान के लिए सिद्ध , पद्म , सुख , स्वास्तिक आदि अनेक आसन हैं।4. प्राणायाम : श्वास – प्रश्वास की गति के विच्छेद का नाम अर्थात् श्वास , प्रश्वास की गति के सामान्य प्रवाह को रोककर विशेष गति में आने का नाम प्राणायाम है।5. प्रात्याहार : इन्द्रियों को रूप , रस आदि अपने – अपने विषयों से हटाकर अन्तर्मुखी करने का नाम प्रत्याहार है।6. धरणा : चित्त को नाभिचक्र , आज्ञाचक्र आदि किसी स्थान में स्थिर कर देना धरणा है।7. ध्यान : किसी स्थान में ध्येय वस्तु का ज्ञान जब तेलधरावत् एक प्रवाह में संलग्न होता है , तब उसे ध्यान कहते हैं। ध्यान में ध्यान , ध्येय और ध्याता का पृथक – पृथक भान होता है।8. समाधि : जब ध्यान ही ध्येय के आकार में भासित हो और अपने स्वरूप को छोड़ दे तो वही समाधि है। समाधि में ध्यान और ध्याता का भान नहीं होता , केवल ध्येय रहता है।
। इस कार्यक्रम में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनित कुमार साहू के मार्गदर्शन में हुआ । जिसमें एनएसएस स्वयंसेवकों के साथ साथ गांव के बच्चों ने भी भाग लिया।