लैलूंगा क्षेत्र बिचौलिए मस्त प्रशासन पस्त रात के अंधेरे में धान का अवैध परिवहन जोरो पर

लैलूंगा (गंगा प्रकाश)। धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी शुरू हो गई है। इसके साथ ही लैलूंगा ब्लाक से लगे उड़ीसा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में चेक पोस्ट लगाया गया है। परंतु बिचौलिये का खेल सक्रिय रूप से जारी है वही सीमावर्ती जिले के बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। हाड़ीपानी,किलकिला, तोलमा ,सोनाजोरी करवारजोर सहित अन्य गांव में व्यपारियो द्वारा तत्काल मुनाफा देने के नाम पर धान की अवैध खरीद परोख्त किया जा रहा है। वही धान को अवैध रुप से मंडियों में खपाया जा रहा है। लैलूंगा क्षेत्र सहित जशपुर जिले के कोतबा क्षेत्र के बिचौलिए गांव दिहात से धान खरीदी कर जायदा मुनाफा कमाने रात दिन अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा है। 

छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद बिचौलिए काफी सक्रिय हो गए है 3100 रूपये धान खरीदी को लेकर जमकर काला बाजारी किया जा रहा है। लेकिन विडंबना है की प्रशासन द्वारा अवैध धान की कालाबाजारी को रोकने कोई कदम नही उठाया जा रहा है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा इलाके में रात करीब 10 बजे धान का अवैध रूप से एक पिकअप वाहन वा माजदा वाहन में परिवहन करने की सूचना मिलने पर SDM एवं तहसीलदार को फोन के माध्यम से सूचना दिया गया लेकिन किसी ने कार्यवाही को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई पिकअप और माजदा में लगभग 250 बोरी धान लोड था प्रशासन के सुस्त रवयिए से लोकल तथा अन्य जिले बिचौलिए बैखौफ होकर अवैध धान का कालाबाजारी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बताया जा रहा है की बिचौलिए द्वारा स्थानीय प्रशासन के सभी अधिकारियों को चढ़ावा चढ़ाया गया है जिसके कारण अधिकारी बिचौलिए पर कार्यवाही करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।

धान खरीदी शुरू होते ही बिचौलिये हो जाते हैं सक्रिय

 धान खरीदी के शुरू होने से ही लगातार उड़ीसा से बिचौलियों के द्वारा अवैध रूप से धान खपाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। हालांकि हर साल अवैध धान के परिवहन को रोकने के लिए प्रशासन की टीम के द्वारा उड़नदस्ता टीम गठित की जाती है। लेकिन बिचौलिये बिना भय के उड़ीसा से लगातार अवैध धान का परिवहन कर छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों में खपाने की जुगत में लगे रहते हैं।

 खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य उड़ीसा राज्य से ज्यादा होने की वजह से बिचौलिये उड़ीसा राज्य के धान को छत्तीसगढ़ के खरीदी केंद्रों में खपाने के फिराक में रहते हैं साथ गांवो से कम रेट में धान खरीदी करके शासकीय राशि पर मंडियों में खपाया जाता है भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद भी प्रशासन अपनी पुरानी हरकत करने में माहिर है सरकार को कोई नुकसान हो उससे प्रशासन में बैठे कुछ दलाल नुमा अधिकारियों को फर्क नहीं पड़ता है बस उनके झोली में उनका हिस्सा आना चाहिए बाकी दिन हो या रात गोरखधंधा जारी रहेगा

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