
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)।विश्व हिन्दू परिषद् के जिलाध्यक्ष शिशुपाल सिंह 22 जनवरी को रामलला की प्रतिष्ठा अवसर पर कार्यकर्ताओं को इस दिन का समारोह पूरे उत्साह उमंग से मनाने उत्साहवर्धन करने एवं 04 फरवरी को अयोध्या जाने के बारे में फिंगेश्वर पहुंचने पर कहा कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को अलौकिक, अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बनाने के लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने बहुप्रतीक्षित समारोह की तैयारियों की चर्चा करते हुए कहा कि पूरी दुनिया अयोध्या की ओर उत्सुकता से देख रही है। हर कोई अयोध्या जाना चाहता है। पूरा देश राममय है। यह प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग का सुअवसर भी है। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों तथा उसके बाद पर्यटकों/श्रद्धालुओं के आगमन को सुखद, संतोषप्रद अनुभव के लिए सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह श्रीराम मंदिर राष्ट्रमंदिर के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक होगा। प्राण प्रतिष्ठा का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम करोड़ों सनातन आस्थावनों के लिए हर्ष-उल्लास, गौरव और आत्मसंतोष का अवसर है। पूरा देश राममय है। 22 जनवरी को सायंकाल हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाएगा। हर सनातन आस्थावान अपने घरों/प्रतिष्ठानों में रामज्योति प्रज्जवलित कर रामलला का स्वागत करेगा। यह सब अभूतपूर्व है। भावुक करने वाला है। श्री सिंह ने कहा यह हमारा सौभाग्य है कि हम उस देश में निवासरत है जहां प्रभु श्रीराम ने अवतार लिया। पूरी दुनिया आज अयोध्या की ओर उत्सुकता से देख रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साथ प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग के लिए सुअवसर मिला है। प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु/पर्यटक अवधपुरी आएंगे। उनके आगमन पर उन्हें अलौकिक अनुभूति हो, इसके लिए उत्कृष्ट आतिथ्य की सभी व्यवस्थाए की गई है। उन्होंने कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पूरे देश से गणमान्य जनों का आगमन हो रहा है। ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर पूरी अवधपुरी की भव्य साज-सज्जा की रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और केन्द्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुए यातायात प्रबंधन, प्रोटोकॉल के अनुरूप अतिथियों के स्वागत-सत्कार के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जाए। अभी जोशपूर्ण टिप्पणी में कार्यकर्ताओं का मनोबल चरमोत्कर्ष पर है।