गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। जिला प्रशासन गरियाबंद की अभिनव पहल उत्कृष्ट गरियाबंद जिला के नोनीहाल छात्र.छात्राओं को 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत सफलता प्राप्त करने के उद्देश्य से कलेक्टर महोदय के द्वारा चालू की गई थी। इसके अंतर्गत प्रत्येक शनिवार को साप्ताहिक परीक्षा एवं माह के अंतिम शनिवार को मासिक परीक्षा का आयोजन जिले की सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में किया जा रहा है। फाइलों में तो यह योजना सफल दिखती है परंतु वास्तविकता कुछ और है। क्योंकि साप्ताहिक परीक्षा शनिवार को आयोजित होने के पश्चात उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कर उनके अंकों को विनोबा अप में दर्ज करने हेतु मंगलवार तक का समय दिया जाता है जिससे सोमवार एवं मंगलवार की पढ़ाई विद्यालय में नहीं हो पाती इसके बाद बुधवार गुरुवार और शुक्रवार को ही पढ़ाई हो पाती है और फिर साप्ताहिक परीक्षा का समय आ जाता है। इस बीच सप्ताह में अगर कोई शासकीय अवकाश पड़ गया तो भी पढ़ाई नहीं हो पाती। इस प्रकार पढ़ाई को ज्यादा महत्व न देकर सिर्फ और सिर्फ परीक्षा को महत्व दिया जा रहा है। अभी हाल ही में इस योजना के अंतर्गत अर्धवार्षिक परीक्षा का आयोजन जिले की विभिन्न स्कूलों में किया जा रहा है। इस हेतु जिले के द्वारा प्रश्न पत्र छपवाकर विद्यालयों को भेजा गया है जो की बहुत ही त्रुटि पूर्ण है। हमारे संवाददाता ने इस संबंध में बहुत से शिक्षकों से जानकारी प्राप्त की तो उन्होंने बताया कि हर विषय में कोई ना कोई त्रुटि अनिवार्य रूप से देखने को मिलती है। शिक्षकों ने बताया कि भर्राशाही का आलम यह है कि अर्धवार्षिक परीक्षा कक्षा 12वीं के अंग्रेजी विषय हेतु मासिक परीक्षा नवंबर का प्रश्न पत्र विद्यालयों को भेज दिया गया। प्रश्न पत्र वितरित करने के बाद जब संबंधित अधिकारियों को इस गलती का एहसास हुआ तो आनन फानन में दूसरा प्रश्न पत्र छपवाकर विद्यालयों को भेजा गया। अब सवाल यह उठता है कि इतनी गंभीर और लापरवाही पूर्वक कार्य के लिए किसे दोषी ठहराया जाएगा। क्योंकि दो बार प्रश्न पत्र की छपाई कर शासन को आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाने का कार्य इस योजना के जिला नोडल अधिकारी मनोज केला के द्वारा किया गया है। इस योजना हेतु जिला शिक्षा अधिकारी को नोडल ना बनाकर ऐसे लोगों को नोडल अधिकारी बनाया गया जो शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की बजाए अपने आप को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। कलेक्टर गरियाबंद के द्वारा दो शिक्षकों को इस कार्यक्रम हेतु जिला नोडल अधिकारी बनाया गया है जिन्होंने कभी भी अध्यापन का कार्य विद्यालयों में किया ही नहीं है। एक नोडल अधिकारी है श्याम चंद्राकर जो लंबे समय तक समन्वयक रहे हैं उसके पश्चात विकासखंड शिक्षा अधिकारी और उसके पश्चात जिला मिशन समन्वयक रहते हुए जिले में खेलगढ़िया नामक खेल कर चुके हैं और इसी खेल में निलंबित भी है। उन पर समय.समय पर खेलगढ़िया योजना में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगता रहा। राज्य शासन द्वारा उन्हें पद से तो हटा दिया गया परंतु तत्कालीन जिलाधीश महोदय के द्वारा जिला खेल अधिकारी के पद पर कार्य करने हेतु आदेशित कर उपकृत कर दिया गया। वर्तमान में निलंबित होने के पश्चात भी यह अपने आप को इस योजना से अलग नहीं कर पाए हैं। आज भी उक्त अधिकारी चोरी छिपे जिले के पोंड पांडुका अतरमरा मैनपुर देवभोग आदि विद्यालयों में जांच करते हुए घूम रहे हैं जो कि जिले के शिक्षकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं दूसरे नोडल अधिकारी मनोज केला जो कि शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला तबरवाहरा विकासखंड गरियाबंद में प्रधान पाठक के पद पर मूल रूप से पदस्थ हैं। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर इस संवाददाता को बताया कि ऐसे शिक्षक जिसको हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी पढ़ने का एक दिन भी अनुभव नहीं है वर्तमान में समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत उत्कृष्ट गरियाबंद के जिला नोडल अधिकारी बने हुए हैं। इन नोडल अधिकारी के द्वारा एक अतिरिक्त वाहन समग्र शिक्षा अभियान से रखकर के भ्रमण किया जा रहा है तथा निलंबित व्याख्याता श्याम चंद्राकर को साथ में ले जाकर के प्रचार प्रसार एवं अपने प्रकरण को प्रभावित करने हेतु शालाओं में भ्रमण किया जा रहा है जबकि समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत जिला स्तर पर एक ही गाड़ी रखे जाने के प्रावधान है लेकिन वर्तमान में डीएमसी के द्वारा अनाधिकृत रूप से दो गाड़ी रखवाया गया है जो कि नियम के विपरीत है इसकी शिकायत प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा अभियान राज्य कार्यालय को भी की जा रही है।शिक्षकों ने चर्चा में बताया कि ऐसे शिक्षक जो कभी भी हाई स्कूल हायर सेकेंडरी में अध्यापन का कार्य नहीं किए हैं वह कैसे जिले को उत्कृष्ट बना पाएंगे। यह शिक्षक सिर्फ और सिर्फ अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए हैं इन्हें छात्रों के भविष्य से कोई लेना.देना नहीं। शिक्षकों ने जिले में नव पदस्थ कलेक्टर से तत्काल इन जिला नोडल अधिकारियों को उक्त कार्यक्रम से अलग करते हुए उत्कृष्ट गरियाबंद के सुचारू संचालन की व्यवस्था की मांग की है।
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