
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। हिट एंड रन कानून के खिलाफ आज 10 जनवरी से एक बार फिर हड़ताल शुरू हो गई है। आज सुबह से ही फिंगेश्वर से राजिम, महासमुंद, छुरा तरफ की आने जाने वाली बसें एकाएक बिना पूर्व सूचना के बंद हो जाने से दिन भर यात्री काफी परेशान रहे। अचानक आवागमन के लिए बस बंद हो जाने से रास्ते के सभी गांवो की सड़कों पर यात्रियों को परेशान होते देखा गया। ड्राइवरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ ड्राईवर महासंगठन के बैनर तले यह हड़ताल की जा रही है। फिंगेश्वर बस ट्रक हाईवा संघ के सदस्यों द्वारा आज सुबह फिंगेश्वर थाना एवं तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर अपनी इस हड़ताल की जानकारी दी। बस-ट्रक ड्राइवरों कहना है कि हिट एंड रन कानून केन्द्र सरकार को वापस लेना चाहिए। पिछले दिनों जो हड़ताल हुई उसमें ट्रांसपोर्टरों से चर्चा की गई लेकिन बस-ट्रक ड्राइवर्स से कोई बात नहीं हुई है। बस-ट्रक ड्राइवरों का कहना है जब तक हिट एंड रन कानून को वापस लेने की पहल नहीं की जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इनकी हड़ताल को छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन संघ ने भी समर्थन दिया है। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के आह्वान पर प्रदेश के 65 हजार से अधिक बस-ट्रक ड्राइवर बुधवार से फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ड्राइवर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सेन ने बताया कि सरकार ने ट्रांसपोर्टर से बात की और हड़ताल समाप्त हो गई। जबकि इस कानून का सबसे बड़ा खतरा चालकों को है। सड़क पर चालक बस-ट्रक लेकर निकलते हैं और इस कानून से प्रभावित भी वे ही होंगे। सेन ने कहा कि दिल्ली में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट से सरकार ने बात की है। जबकि जिन ड्राइवर के लिए कानून बनाया गया है, उनसे किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई है। जिस समय देश भर में ड्राइवर हड़ताल पर थे। उस दौरान 28 राज्य के ड्राइवर यूनियन भी दिल्ली में जंतर मंतर पर आंदोलन करने गए थे। उस समय यूनियन में यह तय किया गया कि अगर सरकार अपना कानून वापस नहीं लेती है तो 10 जनवरी से सभी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे। इसलिए हिट एंड रन कानून को वापस लिया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के आह्वान पर हड़ताल शुरू होने से बस, ऑटो, स्कूल बस, समान ले जाने वाली माल वाहक गाड़िया, पेट्रोल, डीजल समेत तमाम हैवी व्हीकल गाड़ियों के पहिए थम जाएंगे। रायपुर के तेलीबांधा में सभी चालक जमा हो रहे हैं। वहीं दुर्ग भी में जिले के ड्राइवर जमा हो रहे हैं। महासंघ के अध्यक्ष डेगेश्वर साहू ने कहा है कि हड़ताल के दौरान वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। इसकी सूचना शासन प्रशासन को दे दी गई है। बस-ट्रक चालकों ने प्रशासन से भी उनकी हड़ताल को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने में सहयोग करने की अपील की है। वहीं महासंघ का यह भी कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती वे हड़ताल पर रहेंगे। हिट एंड रन कानून वापस लेने की मांग के साथ महासंघ ने अन्य बिंदुओं पर भी सरकार ध्यान आकर्षण कराया है। आम नागरिकों द्वारा चालकों के साथ अभद्र व्यवहार करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान हो। चालकों के लिए निजी व शासकीय अस्पताल में गंभीर से गंभीर बीमारियों का निशुल्क चिकित्सा का प्रावधान किया जाए। चालक के परिवार को आवास योजना के अंतर्गत आवास प्रदान दिया जाए। ड्राइवर की मृत्यु के होने या विकलांगता की स्थिति में पेंशन लाभ दिया जाये। चालक का दुर्घटना बीमा कराया जाए जिससे परिवार को राहत मिले। शासकीय नौकरी की भर्ती में ड्राइवर या उसके परिवार के सदस्यों को आरक्षण दिया जाए। सड़क पर 10 किमी के अंतराल में शौचालय और विश्राम गृह की सुविधा मिले। लाईसेंस के साथ साथ बीमा भी होना चाहिए। बस-ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण एक बार फिर शहर में पेट्रोल डीजल की किल्लत हो सकती है। हड़ताल की जानकारी लगने के बाद बुधवार को एक बार फिर से पेट्रोल व डीजल के लिए पंपों में भीड़ लगनी शुरू हो गई है। बुधवार को लोग एक दूसरे यह भी पूछते दिखे कि सच में ट्रक चालक हड़ताल पर चले गए हैं। बहरहाल बस-ट्रक चालकों की हड़ताल का असर आम लोगों पर पड़ने वाला है। पेट्रोल डीजल की किल्लत के साथ ही ट्रांसपोर्टिंग पर भी असर पड़ेगा इससे रोजमर्रा की चीजों के भाव भी बढ़ेंगे। थाना परिसर एवं तहसील कार्यालय में ज्ञापन देने महासंघ के अध्यक्ष डेगेश्वर साहू, संतराम खुंटे, मुकेश साहू, सोनित यादव, राजेश कोसरे, केशव निषाद, लुमन कुरें, रमेश देवार, राजेश धृतलहरे, पप्पू बंजारे, विर्तन मांडले, टेकचंद खुटे, गजेंद्र साहू, नामदास कोसरे, दुर्गेश सांवरा, मोहम्मद इकबाल, आकाश मांडले, पप्पू मांडले, यशवंत कोसरे, रमन पटेल उपस्थित थे।