
एक कर्मचारी को बेवजह कार्य से निकाल दिया गया। कर्मचारी ने जिसकी शिकायत सीधे श्रम मंत्री से की

मंत्री जी का बात नहीं मानने पर एसईसीएल कुसमुंडा में कार्यरत एक आउटसोर्सिंग निजी कंपनी प्रबंधक के ऊपर होगी कार्यवाही
रायपुर(गंगा प्रकाश)। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड कंपनी कोयला उत्पादन मामले पर सबसे बड़ी कहे जाने वाली एक मात्र नंबर 1 कंपनी है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस कंपनी का बोलबाला है। परंतु एसईसीएल के अधीन आउटसोर्सिंग निजी कंपनियां कोयला उत्पादन करने को लेकर ठेके पर कार्य लेती हैं। इसी प्रकार कर्मचारियों का निजी कंपनी के द्वारा कार्य पर रखा जाता है। कार्य पर रखने उपरांत उन्हें जॉइनिंग लेटर उपलब्ध भी नहीं कराया जाता है। मासिक मेहनताना, पीएफ, बोनस अन्य लाभ एवम् सुविधाओं में कटौती करते हुए वंचित भी की जाती है। साथ ही कई दिनों तक बिना कारणवश कार्यरत कर्मचारियों को कंपनी में काम दिए बिना ही उन्हें वापस घर भी भेज दे जाती है। इसी तरह से कर्मचारियों को बिना किसी कारणवश नोटिस चेतावनी पत्र दिए बिना ही उन्हें काम से निकाल दिया जाता है। जिससे कि आउटसोर्सिंग कंपनियों के द्वारा सीधे तौर पर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड,एसईसीएल का नाम खराब करते है।
ऐसा ही मामला जिला कोरबा के क्षेत्र एसईसीएल कुसमुंडा के अधीन कार्यरत एसएससीएम एससीपीएल जेवी कंपनी प्रबंधन ने एक कर्मचारी को बेवजह बिना किसी कारणवश, बिना नोटिस दिए बगैर ही काम से 8 माह तक बैठा दिया गया। बेवजह काम से निकालने उपरांत 8 महीने का कंपनी ने पेमेंट मजदूर को अदा नहीं की। कर्मचारी ने जिसकी शिकायत छत्तीसगढ़ श्रम मंत्री माननीय श्री लखन लाल देवांगन के पास शिकायत कर दी। श्रम मंत्री ने लेटर पैड पर अपने हस्ताक्षर एवं सील मोहर लगाकर कंपनी से रिसीव कराने की बात कर्मचारी से कहीं। इसके उपरांत कर्मचारी ने संबंधित कंपनी से लेटर रिसीव भी कराई। लेटर रिसीव करने उपरांत भी मजदूर को कंपनी ने काम पर नहीं रखा और मंत्री जी के सील,मोहर, हस्ताक्षर की अहेलना भी की गई।
मजदूर ने मामले की शिकायत दोबारा श्रम मंत्री से कर डाली। इसके बाद श्रम मंत्री जी ने कुसमुंडा एसएससीएम एससीपीएल जेवी कंपनी प्रबंधक को फोन लगाकर फोन पर ही खरी खोटी सुनाते हुए कंपनी प्रबंधक लगाई जोरदार फटकार। काम से निकाले गए कर्मचारी को पुनः काम नहीं रखे जाने पर मंत्री जी भड़क उठे और कंपनी का काम बंद कर देने की चेतावनी भी दे डाली। बहरहाल कर्मचारी को अभी तक कंपनी ने काम पर नहीं रखा है। काम से निकाले गए कर्मचारी अगर तीसरी बार श्रममंत्री जी से शिकायत करते हैं तो इसकी प्रतिक्रिया क्या होगी जानने के लिए जुड़े रहे धनंजय टाइम प्रेस से…