
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। 22 जनवरी हिन्दू सनातन धर्मावलंबियों के लिए न सिर्फ अविस्मरणीय बल्कि विश्व सहित भारतवासियों के लिए अराध्य भगवान राम को अयोध्या की पावन धरा में लगभग 550 वर्षो की साधना, प्रयास एवं इंतजार के बाद प्रतिष्ठित करने के पावन अवसर को मनाने अपनी आस्था, पूजा, अर्चना से स्वयं को भाग्यशाली तथा धन्य करने पूरी फिंगेश्वर नगरी सजधज कर तैयार है। नागरिकों का उत्साह तो देखते ही बन रहा है। नगर में ऐसा एक भी चारपहिया एवं दो पहिया वाहनें नहीं दिख रही है जिसमें रामलला की पताका न लहलहाई रही हो। यहॉ तक की स्कूलों में जब छुट्टी होती है अथवा शाला परिसर के सामने साईकलें खड़ी रहती है तो लगता है कि नगर में रामलला के उत्सव की रैली निकल रही है। नगर के लगभग प्रत्येक प्रतिष्ठानों, व्यवसायिक परिसरों, स्कूलों, शासकीय कार्यालयों, चौक-चौराहों, आवासीय घरों आदि सभी जगह राम की पताका, तोरण से पूरा नगर भगवा झंडो से पट गया है। नगर का सबसे प्रमुख मार्ग रानीश्यामकुमारी चौक से शिवाजी चौक तक के लगभग 1 किलोमीटर के प्रमुख रास्ते में सड़क के दोनों साइड में रंगीन झालरों की श्रृंखला एवं सिलिंग डेकोरेशन तथा लगाए गए भगवा गेटों से जैसे नगर किसी महोत्सव के आयोजन का संदेश दे रहा है। नागरिकों ने अपने घरों-दुकानों की साफ सफाई से चकाचक कर झालर-तोरण-झंडो से सजाकर अपने अपने घरों-दुकानों को उत्साह स्थल बनाने में कोई कसर बाकि नहीं रख छोड़ी है। यह सब तो 19-20 जनवरी का नजारा है। नागरिकों के 22 जनवरी को जब रामलला-अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजित होंगे उस वक्त के उत्साह-उमंग का नजारा तो निश्चित दर्शनीय एवं स्मरणीय ही होगा। नगर की सभी मंदिरों मॉ मौली, बालाजी, पंच मंदिर, फणिकेश्वर नाथ, शीतला सहित सभी 31 मंदिरों की जहां नयनाभिराम साज सज्जा की गई है, झालर-तोरण झंडा से सजाया गया है। वहीं 22 जनवरी को सुबह से पूजा अर्चना, हनुमान पाठ, सुंदरपाठ, रामायण के लिए शमियाना, दरी, पाटा आदि की व्यवस्था की जा रही है। रामलला की मूर्ति प्रतिष्ठा उपरांत अनेक स्थानों में भंडारा एवं खीर-पूड़ी के प्रसाद भी बांटने श्रद्धालुजन व्यवस्था बनाने में लगे है। इस समय नगर का माहौल सौन्दर्य, सजावट एवं श्रद्धालुजनों का उत्साह उमंग देखकर अंदाजा लगाने से रोमांच चरमोत्कर्ष में पहुंच जाता है कि जब हमारे फिंगेश्वर नगर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह इतना भव्य, रोमांचक एवं हृदय को अल्लाहित कर रहा है तो अयोध्या नगरी का उत्साह, उमंग रोमांच तो अकल्पनीय ही होगा। जिसे देखने एवं भागीदार बनने वाले श्रद्धालु वास्तव में कितने ज्यादा भाग्यशाली तथा प्रभुराम के स्नेही भक्त होंगे।