
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर की नवाणु तप करने वाली कु. राखी चोपड़ा का किया गया बहुमान। अनंद सिद्धों की पावन भूमि पालिताना तीर्थाधिपति आदिश्वर दादा की छत्रछाया में शासन प्रभावक खरतरगच्छाचार्य संयम सारथी जिनपीयूष सागर सूरी जी म. सा. एवं शताधिक चारित्र आत्माओं की छत्रछाया एवं सानिध्यता में खरतरगच्छ सहस्त्राब्धि गौरव वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में गिरीराज शत्रुंजय की नवाणु यात्रा का समापन विगत दिनों पालीताणा में भव्य भाव महोत्सव के साथ हुआ। जिसमें देशभर से हजारों यात्रियों ने यात्रा सानंद संपन्न कर अपने को कृतार्थ किया। इसी नवाणु यात्रा में फिंगेश्वर सकल जैन श्री संघ के निर्मलचंद-शोभा चोपड़ा की सुपुत्री कु. राखी चोपड़ा ने भाग लेकर इस तप एवं यात्रा सआनंद पूर्वक संपन्न की। और फिंगेश्वर नगर का गौरव बढ़ाया। इस नवाणु यात्रा में जैन तीर्थ राज गिरनार जी में गिरीराज पर्वत की 3300 सीढ़ियों को 99 बार चढ़ना उतरना होता है। भगवान आदिनाथ ने इस पर्वत पर 99 बार चढ़कर अपनी साधना की थी। श्रद्धालु एक दिन में 2-3 और किसी किसी दिन तो 5 बार पर्वत चढ़ना उतरता है। ऊपर पहुंचकर स्नान कर पूजा पाठ की जाती है। इस यात्रा करते समय श्रद्धालु उपवास अथवा एकाशन यानी 1 टाईम शुद्ध शाकाहारी भोजन करते है। कु. राखी चोपड़ा ने नवाणु यात्रा 39 दिन में पूरी की। नगर के जैन मंदिर परिसर में फिंगेश्वर सकल जैन श्री संघ के अरेन्द्र पहाड़िया, विमल पगारिया, नेमीचंद गोलछा, मूलचंद गोलछा, भरत बंगानी, अभिषेक दुग्गड़, मेघराज चोपड़ा द्वारा तपस्वी कु. राखी चोपड़ा का बहुमान माला पहनाकर, तिलक लगाकर, स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल भेंटकर काफी भक्तिमय वातावरण में किया। इस अवसर पर श्री संघ की महिलाएं, युवाओं एवं सभी बच्चे काफी संख्या में उपस्थित थे।