
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। नगर में आज 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम निमित्त दिन भर धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन रखे गए है। प्रातः नगर की सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र-छात्राओं द्वारा राम-सीता, हनुमान, लक्ष्मण आदि बने बालक बालिकाओं की झांकी निकाली जावेगी। सरस्वती शिशु मंदिर से प्रारंभ रैली नगर भ्रमण में पुराना बस स्टैण्ड, बिजली आफिस, टिकरापारा, राजापारा, पुराना हटरी होते हुए पुनः सरस्वती शिशु मंदिर पहूंचेगी। इस अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर में अयोध्या कार सेवा 2 नवंबर 1990 में गए नगर के जीवित कार सेवकों डॉ. चंद्रशेखर हरित, महेश्वर तिवारी, रविकांत पांडे, मोतीराम साहू, दीना राम श्रीवास एवं गोवर्धन राजवंशी का सम्मान किया जायेगा। कार सेवकों का नेतृत्व कर रहे डॉ. चंद्रशेखर हरित ने उस अवसर का स्मरण करते हुए कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के उद्देश्य से 02 नवंबर 1990 की कारसेवा में शामिल होने फिंगेश्वर राजिम खंड से 10 कार सेवक व जिले से कुल 25 कारसेवकों की टोली गई थी। उन्होंने बताया कि अयोध्या के लिए देशभर से हजारों की तादात में कारसेवक निकले थे। कारसेवक महेश्वर तिवारी ने कहा कि वहां यूपी और अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था इतनी चुस्त दुरस्त थी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। यूपी के सभी सड़क मार्ग बंद करा दिए गए। इसके बाद भी हजारों कार सेवक पैदल चलते हुए 1 नवंबर 1990 को देर रात तक अयोध्या पहुंच ही गए और वहां के सारे मठ, मंदिरों, अखाड़ों में जगह बना लिए। कारसेवक रविकांत पांडे ने कहा कि इस यात्रा में यूपी के ग्रामीण युवा तथा ग्रामीण माता-बहनें, बुजुर्ग सबका योगदान था। जिन्होंने पूरे समय तक कारसेवकों के भोजन, पानी, चाय, नाश्ते यथास्थान विश्राम दवाई की व्यवस्था की। रात के समय गांव खेत खलिहानों से अयोध्या जाने वाले कारसेवकों को टार्च की रोशनी दिखाकर मार्ग बताते थे। मोतीराम साहू ने बताया ऐसी ऐतिहासिक यात्रा हमने जीवन में कभी नहीं देखी। उधर 2 नवंबर को निकलने वाली कारसेवकों की रैली की तैयारी भी जोरों से होने लगी थी। दोपहर 12 बजे कारसेवक साध्वी ऋंतभरा और उमा भारती के नेतृत्व में फैजाबाद के कारसेवक पुरम से हजारों कार सेवक हनुमान गढ़ी के लिए जय श्री राम के नारे के साथ निकल पड़ें थे। इस बीच कारसेवकों पर अंधाधुंध गोलियां चली और अश्रुगैस के गोलों की बौछारें होने लगी। इससे रैली तितर बितर होती गई। गोली के सैकड़ों लोग शिकार हुए। कारसेवा में गए दीनाराम श्रीवास ने बताया कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के पीछे दुनिया भर के करोड़ों सनातनी हिन्दुओं व भारतीय जनमानस की शाश्वत प्रेरणा है। फिंगेश्वर खंड से 2 नवंबर 1990 की कार सेवा में भाग लेने वाले सौभाग्यशाली 10 कारसेवक डॉ. चन्द्रशेखर हरित, पं. महेश्वर प्रसाद तिवारी, पं. रविदत्त पांडे, दीना श्रीवास, गोवर्धन राजवंशी, मोती साहू, स्व. आनंदराम साहू, स्व. गोवर्धन साहू, स्व. लालजी सोनी और स्व. मोतीलाल साहू है। इस घटनाक्रम के चस्मदीद रहे गोवर्धन राजवंशी ने बताया कि प्रभु श्रीराम की कृपा से ही गोली लगते लगते वे स्वयं व साथी कारसेवकों सहित हम सुरक्षित बच गए। दूसरे दिन निर्देशानुसार ही वापसी की गाड़ी पकड़कर अपने निवास के लिए निकल पड़ें। कारसेवा में गए स्व. आनंदराम साहू, स्व. गोवर्धन साहू, स्व. लालजी सोनी एवं मोतीलाल साहू के परिजनों को भी सम्मान समारोह में आमंत्रित किया गया है।