नियमो को ताक़ में रख संचालित हो रहे है जिले में 245 से अधिक गुड उद्योग

पांडातराई (गंगा प्रकाश)। कबीरधाम जिले में गन्ना किसानो की अधिक संख्या और रकबा के चलते यहाँ गन्ने की बड़ी मात्रा में खेती की जाती है,गन्ने के उत्पादन के चलते जिले में दो बड़ी सहकारी शक्कर कारखाना बनाया गया है,साथ ही यहाँ करीब 245 की तादात में गुड उद्योग है जो छोटे से लेकर वृहद् रूप में है,लेकिन अधिकांश गुड उद्योग नियमो को ताक़ में रख कर संचालित हो रहा है।किसी भी गुड उद्योग ने गन्ना खरीदी हेतु अनिवार्य मंडी लायसेंस नहीं लिया है साथ ही 1.70 प्रतिसत मंडी शुल्क लगता है,उक्त राशी कभी भी जमा नहीं किया है,शुद्ध देशी गुड के नाम पर सेफोलित, H.C.L निम्न स्तर के आरंडी तेल,वही बिना सफाई के पुराने तेल के पीपों का स्तेमाल करते है, शक्कर कारखाना की कम क्षमता,काफी विलम्ब से भुगतान खरीदी हेतु शेयर नहीं होने के चलते मजबूरन गुड उद्योग में गन्ना किसानो को कम कीमत में बेचना पड़ता है,गुड उद्योग मालिक हर साल जहा लाखो की कमाई करते है वही मजदूरो को पर्याप्त मजदूरी भी नहीं मिलती,नियम विरुध 12 घंटे की शिफ्ट में 8 घंटे की मजदूरी वो भी निर्धारित दर से कम दर पर भुगतान करते है,

              245 लोग राजनितिक दबाव बना जिले के लाखो की जनसंख्या पर भारी पड़ रही है कुछ राजनितिक जुगाड़ से शासन को तो लाखो रूपये महीने की राजस्व हानि पंहुचा रहे है साथ ही जन स्वास्थ के साथ साथ किसान,मजदूरो को भी नुकसान पंहुचा रहे है,

चिमनी की उचाई पर्याप्त नहीं काला धुंध और धुएं से लोग हो रहे है परेशान –

गुड उद्योग में संचालक को पाल्यूशन नियमो की परवाह ही नही है,चिमनियो की उचाई दस से 15 फिट के करीब है,जिसके चलते आस- पास काला धुएं का जहर फैला रहता है, अधिकांश गुड उद्योग मुख्य सड़क किनारे ग्रामीण आबादी के पास है,जिसके चलते आम जन घुटन भरी जिंदगी जीने मजबूर है,वही सडको पर काला धुंध होने के चलते दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।

राष्ट्रपति दत्तक पुत्र –बौगा आदिवासियों का हो रहा है खुला शोषण नहीं मिलता सही और पर्याप्त मजदूरी
गुड उद्योगों में भूसा उठाने आग झोकने गन्ना ढोने वन क्षेत्र के बौगा आदिवासियों को काम में लगाया जता है जिसने मजदूरी में सिर्फ 200 रूपये दे कर बारह घंटे काम कराया जाता है, जब की आठ घंटे काम की ही न्यूनतम मजदूरी कही अधिक है।
श्रम कानून का नहीं होता पालन – निर्धारित मजदूरी दर आठ घंटे में अकुशल मजदुर – 388 रूपये,अर्ध-कुशल मजदुर- 413 रूपये,कुशल मजदुर – 443 रूपये अधिकाश गुड उद्योगों में न सुरक्षा का इन्तिजाम है न है मजदूरो को प्रशिक्षण,बीमा स्वस्थ उचित रहवास के साथ साथ काम के घंटे भी तय नहीं है,नाबालिक बच्चो महिलाओ को भी ठंडी रात में हो या गर्मी का मौषम तिरपाल के बने झुग्गियो में रह कर काम कराया जाता है,साथ ही मजदूरो को न कोई अनुबंध पत्र नहीं है जिसके चलते कम मजदूरी में मज़बूरी में काम कर रहे है,ये कुछ बाहरी ठेकेदार के माध्यम से काम पर रखे जाते है, ये ठेकेदार इनका खुल कर शोषण करता है,वही दुर्घटना होने पर मामूली ईलाज करा या चुप करा कुछ पैसे दे उन्हें उनके राज्य रवाना कर दिया जाता है।

अधिकांश मजदुर राज्य से बहार के लेकिन पुलिस के पास नहीं है कोई रिकार्ड – महिलाये बच्चे सहित अधिकांश अनपढ़ गरीब मजदुर राज्य के बहार के है, लेकिन सम्बंधित पुलिस थाना में इन बाहरी मजदूरो की कोई जानकारी रिकार्ड उपलब्ध नहीं होती जब की हर साल इन गुड उद्योगों में महिला अपराध गुम इन्सान के साथ ही साथ उत्तर प्रदेश बिहार के आये अपराधिक तत्वों के द्वारा अपराध और ठगी का गंभीर मामला होता है लेकिन फिर भी पुलिस का थानों में रिकार्ड न रखना समझ से परे है।

हमारे द्वारा श्रम विभाग महिला बाल विकास विभाग पुलिस विभाग पाल्यूशन विभाग सहित सम्बंधित अन्य विभागों में जानकारी लेनी चाही लेकिन किसी के पास भी कोई जवाब या आवश्यक कार्यवाही करने के संबध में कोई तय सीमा या कार्ययोजना नहीं था,अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते,उन्हें इतनी बड़ी तादात में संचालित उद्योग से सिर्फ अपनी जेब भरने पर ही मगन है।उनके पास महज कुल संचालित उद्योगों की जानकारी भी नहीं है

क्या कहते है सम्बन्धित अधिकारी –

आनंद तिवारी – जिला महिला एवं बाल विकाश अधिकारी – हमारे कार्य क्षेत्र में नहीं आता श्रम विभाग की टीम में हमारे कुछ लोग जरुर सामिल होते है, निरिक्षण के लिए

उपाधाय जिला श्रम अधिकारी – जिले में कितने उद्योग है उनकी जानकारी तो नहीं है लेकिन कही भी बाल मजदूरी और कम मजदूरी का मामला आता है निश्चित ही कार्यवाही करेंगे

जन्मजय पांडे थाना प्रभारी पांडातराई – पांडातराई थाना क्षेत्र में सर्वाधिक गुड उद्योग है सभी संचालको को जानकारी के लिए फार्मेट उपलब्ध कराया गया है,जिसके माध्यम से बहार से आये हुए मजदूरो की जानकारी ली जावेगी,

प्रयास पाठक – अध्यक्ष गुड उद्योग संघ – शासन के नियमो का पालन करना अनिवार्य है,इस सम्बन्ध में संगठन सभी सदस्य्यो को अवगत कराती है,अधिकांश गुड उद्योग में सुधार किया गया है, जो लोग नियम विरुद्ध कार्य कर रहे है वो उनकी जवाबदारी है,

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