धान खरीदी के मामले में पहली बार किसान हुए आक्रोशित, बोरसी खरीदी केन्द्र में किसानों ने लगाया ताला, अंचल के सभी 10 केन्द्रों में स्थिति हुई विस्फोटक

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। 31 जनवरी धान को सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में खरीदने की अंतिम तिथि है। सरकार 1 नवंबर से धान खरीदी कर रही है। 3 माह में भी अंचल के किसान अपना धान नहीं बेच पाए है। इसका किसानों ने जमकर आक्रोश आज सहकारी बैंक फिंगेश्वर अर्न्तगत ग्रामीण सहकारी समिति बोरसी में फुट पड़ा। आज 29 जनवरी को अलसुबह से ही बोरसी केन्द्र में धान बेचने काफी संख्या में धान लेकर किसान पहुंचे। वहां गेट पर ताला लगा देखकर बताया गया कि किसानों द्वारा ताला लगाकर आज धान बिक्री नहीं की जाएगी। वहां उपस्थित किसानों ने बताया कि 31 जनवरी अंतिम दिन तक धान लेने का टोकन काट दिया गया है। इसके बाद भी समिति अर्न्तगत 6 गांव के लगभग 10 हजार क्विंटल धान कृशक नहीं बेच पाए है। इससे किसानों में जमकर आक्रोश है। किसान धान खरीदी केन्द्र में तालाबंदी कर धान खरीदने की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे है। ताकि सभी कृशक अपना धान समर्थन मूल्य में बच पाए। खरीदी केन्द्र में तालाबंदी की सूचना पर फिंगेश्वर तहसीलदार खोमन धु्रव फिंगेश्वर थाना प्रभारी जितेन्द्र विजयवार आदि बोरसी पहुंचकर कृशकों को समझा रहे है। फिंगेश्वर सहकारी बैंक के प्रबंधक एम. एम. त्रिवेदी ने बताया कि प्रतिदिन की खरीदी लिमिट काफी विलंब से 2000 की जगह 3000 क्विंटल की गई है। इसके बाद भी मौसम की स्थिति के कारण निर्धारित धान मात्रा पूरी नहीं की जा सकी है। शासन को 30 एवं 31 जनवरी को धान की खरीदी की लिमिट बढ़ाने पत्र लिखा गया है। मौसम की विपरीत स्थिति एवं खरीदी मात्रा प्रति क्विंटल 20 क्विंटल से 21 क्विंटल होने से भी कठिनाई बढ़ी है। धान का परिवहन भी धीमा होने से खरीदी केन्द्रों में धान का ढेर लग गया है। इसके कारण भी कृशकों को धान का ढेर लगाने एवं तौल करने में काफी परेशानी हो रही है। प्रबंधक ने बताया कि धान खरीदी की लगभग सभी 10 केन्द्रों फिंगेश्वर, बेलर, परसदा, बारूला, चरौदा, जामगांव, गुण्डरदेही आदि में यही स्थिति है। किसानों ने सरकार से धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। आज आदि ग्रामीण सोसायटियों में भी किसान बचत धान को बेचने के नाम पर काफी चिंतित है। अंचल के कृशकों ने विधायक रोहित साहू से सरकार से बातचीत कर धान बिक्री की समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग की है।

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