धान खरीदी की तारीख नहीं बढ़ने से धान खरीदी केन्द्रों में लगातार किसान कर रहे हड़ताल, आज बासीन खरीदी केन्द्र में किसानों ने किया हुड़दंग

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। निर्धारित तिथि 31 जनवरी तक धान खरीदी केन्द्रों में किसानों का धान नियत मात्रा में खरीदी न होने के कारण कृशकों में काफी आक्रोश है। कल सोमवार को जहां बोरसी धान खरीदी केन्द्र में धान खरीदी की समयसीमा बढ़ाने की मांग को लेकर गेट में तालाबंदी कर हड़ताल कर दी गई थी वहीं आज मंगलवार को बासीन धान खरीदी केन्द्र में इसी मांग को लेकर हड़ताल कर दी। कृशकों ने बताया कि 31 जनवरी तक काटे गए कूपन के बाद भी अभी लगभग 20 प्रतिशत धान कृशक नहीं बेच पाए है। इससे कृशक भारी परेशान है। 31 तारीख से आगे तारीख नहीं बढ़ाई गई तो किसान बड़ा आंदोलन कर सकते है। कृशकों ने बताया कि बासीन खरीदी केन्द्र में खरीदे हुए धान का बम्फर ढेर लगा गया है। खरीदी केन्द्र में धान के स्टॉक के कारण और धान खरीदना दुर्भर हो गया है। यहां से खरीदे गए धान का परिवहन न होने से पूरा केन्द्र भर गया है। यहां से तत्काल धान का परिवहन किया जावें। बासीन के किसानों ने यहॉ खाद की कमी की शिकायत करते हुए बताया कि रबी फसल के लिए हमें खाद की जरूरत है परंतु अभी तक यहां खाद उपलब्ध नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण बासीन कृशि साख समिति में काफी अनियमितता व्याप्त है। पूरे क्षेत्र के धान खरीदी केन्द्रों में खरीदी शेश है। विधायक रोहित साहू ने कृशकों की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री से धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने निवेदन किया है। फिंगेश्वर सहकारी बैंक अन्तर्गत सभी 10 खरीदी केन्द्रों में लगभग 12 से 15 प्रतिशत धान कृशकों से खरीदा जाना शेश है। मामले की पूरी जानकारी उच्चाधिकारियों को है। परंतु आज अंतिम दिन तक भी धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की शासन के तरफ से कोई सूचना नहीं है। इन दिनों मौसम के कारण भी कभी भी बरसात होने के अंदेशें के चलते खरीदी केन्द्रों में धान की बम्फर स्टाक चिंता का विशय बना हुआ है। धान खरीदी केन्द्रों से परिवहन न होने से स्थान के साथ सुरक्षा एक चुनौती बनी हुई है। अगर 31 जनवरी तक धान खरीदी की समय सीमा नहीं बढ़ाई गई तो किसानों का आंदोलन सड़क की लड़ाई में बदल सकता है।

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