स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान : 30 जनवरी से 13 फरवरी तक जिले के गांव गांव में भ्रमण कर ग्रामीणों को किया जाएगा जागरूक

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)।कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में 30 जनवरी से 13 फरवरी 2024 तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत गाँव-गाँव घर-घर दस्तक देकर स्वास्थ्य कर्मी एवं मितानिन के द्वारा कुष्ठ रोग की जांच की जाएगी। कृष्ठ रोगी की पहचान कर उनका उपचार किया जाएगा। मंगलवार को महात्मा गाँधी के पुण्य तिथि के अवसर पर इसकी शुरवात की गई। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य कार्यालय से जागरूकता प्रचार रथ भी रवाना किया गया। जिला कार्यकम प्रबंधक श्रीमति सोनल ध्रुव एवं डॉ. शंकर पटेल, डॉ. योगेन्द्र सिंह रघुवंशी के द्वारा हरी झण्डी दिखा कर रथ कुष्ठ जागरूकता रथ रवाना किया गया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी सोनल ध्रुव ने बताया कि देश को कुष्ठ मुक्त करने के लिये हर संभव प्रयास किया जा रहा है। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत सामुहिक रूप से कुष्ठ रूप से प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ कलंक और भेदभाव की मानसिकता को समाप्त करने और उन्हे मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओ, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आदि के समन्वय से पंचायत स्तर में ग्राम सभा बैठक आयोजित कर लोगो को जागरूकता संदेश दिया जावेगा।

क्या है कुष्ठ रोग
कुष्ठ सहायक जिला प्रभारी छबि सिंह ने बताया कि कुष्ठ माइको बैक्टीरियम लेप्री से होने वाला रोग है। यह अनुवांशिक रोग नहीं है। यह पहले से पापो एवं बुराईयों के कारण नहीं होता है। कुष्ठ के मुख्य लक्षण त्वचा के रंग में बदलाव तथा संवेदना में कमी आना है। यदि आप ऐसे लोगो के बीच आते है तो मितानिन दीदी नर्स एवं बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें इसके लिये समुचित दिशा निर्देश देंगे। सभी सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ का उपचार मुफ्त किया जाता है। कुष्ठ का पूरी तरह ईलाज संभव है। शीघ्र परामर्श तथा ससमय ईलाज से कुष्ठ बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है और विकलांगता से बचाया जा सकता है।

क्या हैं कुष्ठ रोग के लक्षण

एनएमए छबि सिंह ने बताया की चमड़ी में तेलिया, तामिया चमक, चमड़ी पर खासकर चेहरे पर, भौंहों के ऊपर, ठुड़ी पर या कानों में गठानें, सूजन या मोटापन, चमड़ी में दाग, चकते, तंत्रिकाओं में मोटापन व सूजन हो, हाथ पैरों में झुनझुनी-सुन्नपन कुष्ठ रोग के लक्षण है। इसी प्रकार दो हफ्ते से अधिक खाँसी, शाम के समय बुखार आना, रात में पसीना आना, बलगम के साथ खून आना, छाती में दर्द होना, भूख न लगना, लगातार वज़न घटना टीबी के लक्षण है। लक्षण पाए जाने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र निशुल्क जांच कराए।

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